गरीब बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे रैकेट का जल्द होगा पर्दाफाशः नजरे आलम .

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बेदारी कारवां की सरकार और मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष से अविलंब जांच बिठाकर लूटेरों को जेल भेजने की मांग.

दरभंगा- बिहार सरकार के द्वारा 2460 मदरसों को मंजूरी मिलने के बाद से ऐसा महसूस होता है के दलालों की लाॅटरी निकल आयी है और भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी का दरवाखा खुल गया है। कहीं नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी हो रही है तो किसी ने मदारिस के रजिस्ट्रेशन के नाम पर लूट मचा रखी है। बहुत से लोगों ने तो रजिस्ट्रेशन के लिए फर्जी जमीन, फर्जी म्यूटेशन और फर्जी रसीद लगाकर फाईल सचिवालय में जमा करा रखा है। भ्रष्टचार और गरीब बेरोजगारों को बेवकूफ बनाने और उनको ठगने का इतना बड़ा रैकेट इससे पूर्व मदरसों के नाम पर कभी देखने को नहीं मिला। हद तो यह है के एक ही व्यक्ति दो-दो दर्जन से अधिक मदरसों का सचिव बना बैठा है। मदारिस का जमीन पर कहीं भी वजूद नहीं है लेकिन एक ही व्यक्ति सैकड़ों शिक्षकों से बहाली के नाम पर 4-4 लाख रूपये लेकर करोड़पति बन बैठा है और करोड़ों की संपति का मालिक बना हुआ है। बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना में अपने प्रभाव और बेार्ड के जिम्मेदारान से गहरे रिश्ते की दुहाई देकर बेरोजगारों की लूट का सिलसिला खुलेआम चल रहा है। जब हमारे संगठन की टीम ने इस की जांच की तो पता चला के मदरसा का कहीं भी जमीन पर पता नहीं है और खुद से अंचलाधिकारी एवं कर्मचारी का फर्जी हस्ताक्षर करके और मुहर लगातर फाईल जमा कर दी गई है। उक्त बातें आॅल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के अध्यक्ष नजरे आलम ने बताते हुए आगे कहा के भ्रष्टारचारियों के इस रैकेट पर लगाम लगाने के लिए सरकार और मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष को अविलंब जांच बिठाकर ऐसे बेईमानों और लूटेरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने फर्जी ढ़ंग से करोड़ों की संपति हासिल कर ली है और बेरोजगारों को सड़कों पर भटकने के लिए छोड़ दिया है। सरकार को अविलंब ऐसे भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाने की जरूरत है। अगर सरकार और मदरसा बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो हमारा संगठन मुस्लिम बेदारी कारवां पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटायगी ताकि तमाम फर्जी मदारिस और उनके बेईमान जिम्मेदारान को अंजाम तक पहुंचाया जा सके।

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