क्या है नया पुलिस कानून? जिसपर मचा है हंगामा

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मोहम्मद फैज़ान( संपादक, इंसाफ टाईम्स हिन्दी)

बिहार में इस समय हर तरफ बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 को लेकर हंगामा हो रहा है, सड़क से लेकर सदन तक हर तरफ इसे लेकर बवाल जारी है, कल बिहार विधानसभा में भी इसे लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और इस दौरान कुछ सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई| लेकिन इन सब के बिच सवाल ये है कि आखिर ये बिहार विशेष सशस्त्र अधिनियम क्या है जिसको लेकर बिहार में इतना बवाल हो रहा है? इस कानून के अनुसार बिहार मे CISF के तर्ज पर BMP के स्थान पर विशेष सशस्त्र पुलिस का गठन होगा, जिसे किसी को गिरफ्तार करने के लिए वारंट या मजिस्ट्रेट की इजाजत की जरूरत नहीं होगी। विशेष सशस्त्र पुलिस बिना वारंट के किसी की तलाशी कर सकेगी जिसका आप विरोध नहीं कर सकते। किसी अधिकारी पर किसी अपराध का आरोप लगता है, तो कोर्ट खुद से संज्ञान नहीं ले पाएगी। गिरफ्तारी के बाद प्रताड़ित करने का आरोप लगता है तो बिना परमिशन कोर्ट कुछ नहीं कर सकता। प्रतिष्ठान की सुरक्षा की जवाबदेही होने पर बिना वारंट और बिना मजिस्ट्रेट के गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके इलावा इस कानून के अनुसार ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है जो सशस्त्र पुलिस को उसका काम करने से रोकता है। हमले का भय दिखाने, बल प्रयोग करने, धमकी देने पर बिना वारंट सशस्त्र पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।विपक्ष लगातार इस विधेयक का विरोध इस तर्क के साथ कर रहा है कि इससे पुलिस की मनमानी बढेगी और वो किसी को भी परीशान कर सकती है, ये बिहार में पुलिस राज लाएगा, साथ ही विपक्ष इसे मौलिक अधिकारों का हनन भी बता रहा हैl वहीं सरकार का तर्क ये है कि विपक्ष के लोग बगैर बिल को पढ़े ही हंगामा मचा रहे हैं, इस कानून में CISF के तर्ज पर बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल के गठन का प्रावधान है और इसका काम बिहार के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों(एयर पोर्ट, मेट्रो) की सुरक्षा हैl इस कानून ने बिहार में एक नए डिस्कोर्स को छेड़ दिया है

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