पिछलें कुछ दिनों में भारत में कोरोना के मामलें में अप्रत्याशित बढोतरी हुई है, पिछले 4-5 दिनों से पूरे देश में हर दिन 50 हज़ार से अधिक मामलें अा रहे हैं जो कि चिंता का विषय हैंl कोरोना के बढते हुए मामलों को देख कर महाराष्ट्र सरकार ने पूरे प्रदेश में नाईट कफर्यू लगा दिया है, दिल्ली समेत 8 राज्यों की सरकारों ने 8वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने की घोषणा कर दी हैl विशेषज्ञों ने चेताया है कि अप्रैल का महिना बहुत ही महत्वपुर्ण है अगर मामलें इसी प्रकार बढते रहे तो देश दोबारा लॉकडाउन की तरफ जा सकता हैl इन सब के बीच सवाल ये है कि आखिर सामान्य दिख रहे हालात के बीच पुन: कोरोना की विभिषिका का कारण क्या है? अगर हम कारणो की विवेचना करें तो हमें सरकारी तंत्र की विफलता और लोगों की असंवेदनशीलता दोनो कारण दिखता हैl जब सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कि तब जिस प्रकार की पाबंदियां(मास्क, सेनेटाईज़र, सामाजिक दूरी) थी,बाद में इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया और वैक्सीन आने के बाद बहुत ज़्यादा लापरवाही बरती गई, अनलॉक के बाद मॉल, बाज़ारों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई विशेष कदम नही उठाया गयाl बिहार में विधानसभा और कई राज्यों में स्थानिय निकाय के चुनाव हुए जिस में जमकर भीड़ इक्ठ्ठा किया गया और सामाजिक दूरी का कोई ख्याल नही रक्खा गयाल अभी भी पाँच राज्यों में हो रहे विधान सभा चुनाव में कोरोना को लेकर कोई विशेष सतर्कता नहीं बरती जा रही है, इस समय कोरोना के मामलें सब से ज़्यादा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब और दिल्ली से आ रहें हैं इसका प्रमुख कारण है लोगों का ज़्यादा विदेशों से आना और सरकार द्वारा उनको क्वारंटीन ना करना, साथ ही हमारे देश में जिस प्रकार आबादी है उस अनुपात में वैक्सीन उपलब्ध होने के बावजूद लोगों तक तेजी से पहुंच नहीं पा रहा हैl लेकिन केवल सरकार को ज़िम्मेदार ठहराना न्यायोचित नहीं है, हमारी असंवेदनशीलता भी इसका प्रमुख का कारण हैं, अनलॉक के बाद लोगों ने बिल्कुल भी इस बात की परवाह नहीं की के अभी हमारा देश कोरोना मुक्त नहीं हुअा है, लोग लापरवाही से बिना मास्क और सामाजिक दूरी के सार्वजनिक स्थानों पर जमा होने लगें, शादियों और त्योहारों में समान्य दिनों सा व्यवहार करने लगे और हर काम कोरोना के डर को नज़रअंदाज़ करके करने लगे, इसी का नतीजा है कि आज देश फिर से कोरोना के दिनों वाली डरावनी पाबंदीयों के मुहाने पर खड़ा हैl अब सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वो सबसे पहले उन माइक्रो कंटेन्मेंट ज़ोन को चिन्हित करे जहां से ये मामले तेज़ी से अा रहे हैं और वहाँ वैक्सीनेशन का काम भी तेज़ी से करे साथ ही पूरे देश में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज़ करे, साथ ही हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इस मामलें में संवेदनशील बनें और सरकार के दिशा निर्देशों का शख्ती से पालत करें, बगैर मास्क के घर से बाहर ना निकलें, सार्वजनिक जगहों पर भीड़-भाड़ न लगाएं अगर हम संवेदनशील नहीं बनते हैं तो हमें फिर से साल भर पुरानी उस डरावनी स्थिती के लिए तैयार रहना होगाl