नई दिल्ली, 9 मई 2022ःसुप्रीम कोर्ट में आज दिल्ली के जहांगीरपुरी में विध्वंस की कार्रवाई से सम्बंधित मामले की भी सुनवाई थी, जिसमें न्यायमूर्ति एल नगेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना नियाज अहमद फारूकी की याचिका पर अगली सुनवाई जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। इसके बाद तोड़फोड़ पर लगा स्थगन आदेश भी अगले आदेश तक जारी रहेगा।गौरतलब है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में दंगा प्रभावित इलाके को निशाना बनाते हुए जिस तरह उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने तत्काल विध्वंस की घोषणा की थी, उसने देश में कानून, न्याय और लोकतंत्र में आस्था रखने वालों को काफी बेचैन कर दिया था। इसके मद्देनजर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के निर्देश पर 20 अप्रैल की सुबह वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एमआर शमशाद ने जमीयत की ओर से याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तत्काल प्रभाव से विध्वंस की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। अगले दिन अर्थात 21 अप्रैल को अदालत ने अगली सुनवाई तक विध्वंस की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। अगली सुनवाई जो आज होनी थी, न्यायालय ने इसे गर्मी की छुट्टी के बाद अर्थात जुलाई तक के लिए आगे बढ़ा दी है। इससे स्पष्ट हो गया है कि जुलाई तक के लिए विध्वंस की कार्रवाई पर भी रोक होगी। आज की सुनवाई के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एमआर शमशाद कोर्ट में उपस्थित थे।