किस लिए मनाया जाता है बेरोज़गार दिवस??

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मुहम्मद फ़ैज़ान: छात्र पत्रकारिता सह जनसंचार विभाग मानू हैदराबाद

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्म दिन है. इस अवसर पर उन्हें देश भर से लोग बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं. वहीं देश में एक बड़ा तबका प्रधानमंत्री का जन्मदिन राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस के रुप में मना रहा है. ट्विटर पर “राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस” ट्रेंड कर रहा है. इसी हैस टैग के साथ लोग अपने विचार रख रहे हैं . इसके साथ ही “मोदी आया बेरोज़गारी लाया” भी ट्रेंड कर रहा है. भारत विश्व का सबसे युवा देश है यानी विश्व में सबसे ज़्यादा युवा इस समय भारत में हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 27.2 % आबादी 15-29 साल के लोगों की है, यानी युवाओं की है. इसी लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार में हर साल 2 करोड़ रोज़गार देने का वादा किया था. लेकिन आज भी रोज़गार के मामले में भारत की हालत खस्ता है. भारत में बेरोजगारी दर पर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि देश में समग्र बेरोजगारी दर मई, 2022 में 7.12% से बढ़कर जून, 2022 में 7.80% हो गई है. सीएमआईई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार के अवसरों में सबसे ज्यादा गिरावट ग्रामीण इलाकों में दर्ज की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत में बेरोजगारी दर मई, 2022 में 6.62% से बढ़कर जून, 2022 में 8.03% हो गई. सीएमआईई के आकलन के मुताबिक पिछले एक साल में जुलाई 2021 के बाद जून 2022 में रोज़गार के अवसर सबसे निचले स्तर पर हैं. सीएमआईई के अनुसार देश में बेरोजगारी के मामले में हरियाणा पहले स्‍थान पर है. यहां बेरोजगारी दर अप्रैल में 34.5 फीसदी रही है. दूसरे नंबर पर राजस्‍थान है. राजस्‍थान में बेरोजगारी दर का आंकड़ा अप्रैल में 28.8 फीसदी रहा है.वैसे एक बार प्रधानमंत्री ने पकौड़ा तलने को भी अच्छा रोज़गार माना था. जिसका पूरे देश में जमकर माखौल उड़ा था. इसी प्रकार देश में बढ़ती हुई बेरोज़गारी से तंग आकर कई पढ़े लिखे युवा चाय का व्यवसाय कर रहे हैं. कहीं एमबीए चाय वाला तो कहीं, बीटेक चाय वाला. कहीं ग्रेजुएट तो कहीं पोस्ट ग्रेजुएट तक के छात्र चाय बेचते हुए मिल जाते हैं. चाय अब रोज़गार और उद्यमिता साधन भी है और व्यवस्था पर तंज़ भी.आज अगर किसी विभाग में नौकरी का विज्ञापन निकलता है तो वहाँ पद से हज़ार गुणा ज़्यादा आवेदन आते हैं. रोज़गार का संकट इस प्रकार है कि जिस पद पर न्यूनतम योग्यता मैट्रीक है उस पद के लिए पीएचडी तक के छात्र आवेदन कर रहे हैं.अगर इसी प्रकार बेरोज़गारी बढ़ती रही तो देश के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो जायेगा. ऐसे में सरकार को बेरोज़गारी को खत्म करने के लिए अपनी नीति में परीवर्तन लाना होगा. सरकार को गैरज़रूरी मुद्दों से ध्यान हटा कर रोज़गार जैसे संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान देना होगा. चुंकि भारत के पास सबसे ज़्यादा युवा हैं, ऐसे में उनको रोज़गार से जोड़कर भारत को शीघ्र ही विकसित बनाया जा सकता है. ऐसे में प्रधानमंत्री को अपने जन्म दिन पर अपने रोजगार वाले संकल्प को याद करना चाहिए और उसपर अमल करना चाहिए. उसी से देश का भला होगा.(मुहम्मद फ़ैज़ान ने ये आर्टिकल कलाम रिसर्च फाउंडेशन के लिए लिखा है)

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