पटना (प्रेस रिलीज़/इंसाफ़ टाइम्स) रक्षाबंधन व अन्य छुट्टियों को रद्द करने के शिक्षा विभाग के निर्णय का कौमी असातिजह तंजीम बिहार ने कड़े शब्दों में निन्दा किया है। कौमी असातिजह तंजीम बिहार के प्रदेश संयोजक मो0 रफी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि विद्यालयों में छुट्टियां शिक्षकों के साथ बच्चों के लिए भी होती हैं, इसलिए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के साथ बच्चों के धार्मिक स्वतंत्रता पर भी हमला किया है जो निंदनीय है। कौमी असातिजह तंजीम बिहार ने इसकी घोर निन्दा किया है और मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार से मांग किया है कि वह स्वयं हस्तक्षेप कर शिक्षकों एवं बच्चों को मिलने वाली धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित होने से बचाएं, विभाग के तुगलकी फरमान से सबसे अधिक बच्चे प्रभावित होंगे, बच्चे अपने हिस्से का बचपन नहीं जी पाएंगे और कुंठित हो कर जीवन को बोझ मान लेंगे जिसका परिणाम अच्छा नहीं होगा। मो0 रफी ने यह भी कहा कि बच्चों की शिक्षा को बच्चों पर बोझ नहीं बनने देना है इसीलिए बच्चों को विभिन्न प्रकार के मनोरंजक विधि द्वारा शिक्षा दी जाती है। विद्यालय में छुट्टियां भी बच्चों को शैक्षणिक बोझ आदि से दूर रखने का श्रोत है और धार्मिक छुट्टियां तो आस्था को भी इंगित करती है जिसका सम्मान जरुरी है, बच्चे पर्व – त्योहार में अपने सगे संबंधियों के घर और बड़े शहरों में घूमने जाते हैं, जैसे प्रायः अभिभावक अपने बच्चों को कोलकाता जैसे शहरों में दशहरा का मेला घूमाने ले जाते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर पूर्व की अवकाश तालिका का निर्माण हुआ था जिसे रद्द करना अनुचित है, इसलिए कौमी असातिजह तंजीम बिहार पूर्व की अवकाश तालिका को पुनः लागु करने की मांग करती है।