बढ़ती मॉब लिंचिंग से चिंतित मुस्लिम समाजिक संगठनों ने किया एक दिवसीय सामाजिक सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन

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नई दिल्ली (प्रेस रिलीज़/इंसाफ़ टाइम्स) देश में लगातार बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटना और बुलडोजर के इस्तेमाल पर आज दिल्ली के राजाराम मोहन राय हाल में एक सेमिनार सामाजिक सुरक्षा सम्मेलन के नाम से आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन का आयोजन आल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा , तहरीक कारवां ए इत्तेहाद, नेशनल फ्रंट ऑफ इंडिया के संयुक्त प्रयास से किया गया। जिस में दिल्ली,एन,सी,आर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया इस अवसर पर वक्ताओं ने बढ़ती मॉब लिंचिंग पर चिंता जताते हुए सरकार से ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने की अपील करते हुए कहा कि बेहतर है कि सरकार मुसलमानों को भी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989, में शामिल कर ले ताकि धार्मिक हिंसा पर लगाम लगाना आसान हो सके, साथ ही साथ लगातार मस्जिदों और दूसरे धार्मिक स्थलों पर चल रहे बुल्डोजर पर भी वक्ताओं ने चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से इस पर संविधान सम्मत और पारदर्शी तरीके से काम करने की अपील की। वक्ताओं ने समाज में सौहार्द,शांति ,भाईचारा और प्यार मुहब्बत को बढ़ावा देने के लिए दूरगामी रणनीति बनाने पर बल दिया और इसके लिए मिलजुल कर प्रयास करने की अपील की।

सेमिनार के अध्यक्षता मौलाना के.जेड. बुखारी ने की, संचालन मुस्लिम मोर्चा के प्रवक्ता हाफिज गुलाम सरवर ने की, वक्ताओं में मुख्य रूप से जिशान हैदर मालिक संयोजक कारवां ए इत्तेहाद, एडवोकेट ताहिर हुसैन, संयोजक नेशनल फ्रंट ऑफ इंडिया, एडवोकेट वसी अहमद, मेंहदी हसन मंसूरी, डॉ ताजुद्दीन अंसारी ,डी सी कपिल ,संजय गुर्जर, नसीर इदरीसी, सैयद सलिम अख्तर, अकबर नबी, बाबर खान, अनवर सलीम, नाज़िम ईलाह, एड. सतपाल यादव, कर्नल सुधीर, मुफ्ती फुरकान,इत्यादि ने अपनी बात रखी।

मुख्य अतिथि परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के पोते जमील आलम थे।

अंत में यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा की तरफ से हाफ़िज़ गुलाम सरवर ने तीन सूत्रीय प्रस्ताव रखा जिसका सभी लोगों ने अनुमोदन किया।

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