दिल्ली (इंसाफ़ टाइम्स डेस्क) कर्नाटक के बिदर/बसवकल्याण में स्थित पीर पाशा बंगला दरगाह के अनुभव मंडपम की ज़मीन पर होने का दावा सामने आया है,ये दावा भारतीय जनता पार्टी के विधायक बासनगौड़ा पाटिल ने किया है
भाजपा विधायक ने ऐलान किया है कि ज़मीन को मुक्त कराने के लिए अयोध्या जैसा आंदोलन खड़ा करेंगे
पाटिल ने कहा कि “अनुभव मंडपम की जमीन को कब्जे से छुड़ाने की लड़ाई में लिंगायत मठों को हमारे साथ आना चाहिए,हमारा आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा, जब तक अनुभव मंडपम फिर से अपनी जगह पर खड़ा नहीं हो जाता है,पीएम मोदी ने भी नई संसद भवन के उद्धाटन के समय अनुभव मंडपम की चर्चा की थी,उन्होंने इसे दुनिया की सबसे पहली संसद बताया था”
मालूम हो कि 2022 में लिंगायत संतों ने भी यही दावा किया था और कहा था कि “दुनिया की पहली संसद ‘अनुभव मंडप’ को कथित तौर पर ध्वस्त कर दिया गया और उसके ऊपर एक दरगाह बना दी गई”
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि “संतों ने पीर पाशा दरगाह पर शोध करने की मांग की है, उन्होंने इस संबंध में दस्तावेज भी उपलब्ध कराए हैं, जिनकी एएसआई द्वारा पुष्टि की जाएगी”
लिंगायत इतिहास के अनुसार अनुभव मंडप” 12वीं शताब्दी में बसवेश्वर द्वारा स्थापित संसद जैसी संरचना थी,बसवेश्वर 12वीं शताब्दी के बड़े समाज सुधारक थे,बसवेश्वर ने हिंदू धर्म और समाज में जातिगत भेदभाव, असमानता,लैंगिक असमानता और अन्य सामाजिक बुराइयों पर चर्चा के लिए और अंतर्जातीय विवाह के लिए “अनुभव मंडप” को मंच के रूप में इस्तेमाल किया था!दूसरी ओर बहुत से लिंगायत संतों ने इस पूरे मामले को झूठी कहानी बताया और इन दावों पर आपत्ति भी जताया है
पिछली भाजपा सरकार ने अनुभव मंडप की स्थापना के लिए 532 करोड़ का बजट भी पास कर रखा था