दिल्ली (इंसाफ़ टाइम्स डेस्क) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष परवेज़ अहमद,पूर्व प्रदेश महासचिव मुहम्मद इलियास और पूर्व ऑफिस सेक्रेटरी अब्दुल मुकीत को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ज़मानत दे दिया है,हालांकि तीनों को जेल से रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि वे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत भी दोषी हैं।
पीएफआई के तीनों पूर्व सदस्यों परवेज अहमद,मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत को 50,000 रुपये के व्यक्तिगत बॉन्ड और समान राशि की जमानत पर जमानत दिया गया है,साथ ही देश से बाहर नहीं जाने का आदेश दिया गया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि “भविष्य में कोई अनुसूचित अपराध करने के लिए अवैध रूप से पैसा इकट्ठा करना धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धन शोधन का अपराध नहीं है”
न्यायालय ने अपने फैसले में दोहराया कि “ज़मानत कानून है और जेल अपवाद”