दिल्ली (इंसाफ़ टाइम्स डेस्क) उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में रेलवे स्टेशन के सामने स्थित 106 साल पुरानी मस्जिद को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है,ये मस्जिद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की ज़मीन में बनी थी
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री बंटवारे के समय पाकिस्तान चले गए थे,वे हरियाणा के हिसार के रहने वाले थे,मगर उनके पिता की ज़मीन मुजफ्फरनगर में थी,लियाकत अली खान की उन्हीं ज़मीनों में से एक पर बनी रेलवे स्टेशन की समाने वाली मस्जिद और उसके नीचे बनी कुछ दुकानों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है
मामले में मुजफ्फरनगर के एसपी ने कहा कि “मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन के सामने 930 नंबर खसरा जो की आठ बिसवा जमीन थी जिस पर एक मस्जिद और चार दुकानें बनी है, उसे शत्रु संपत्ति बताने के लिए आवेदन आया था,जिसकी जांच कराई गई और दिल्ली में शत्रु संपत्ति अधिकरण को इसकी रिपोर्ट भेजी गई,इसके बाद दिल्ली के शत्रु संपत्ति अधिकरण की टीम आई उसने जांच की उसने दोनों पक्षों को सुना और यह पाया कि यह जमीन शत्रु संपत्ति है, इसलिए इसे अब शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है,मुस्लिम पक्ष इसे वक़्फ़ की जमीन बता रहा है लेकिन जांच में यह साफ हो चुका है कि यह शत्रु संपत्ति है, इसलिए अब आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी, लियाकत अली खान व उनके परिवार के पाकिस्तान पलायन कर जाने की वजह से यह जमीन शत्रु संपत्ति मानी गई”
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने 1968 में उन सारी ज़मीनों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था,जो कि पाकिस्तान या चीन पलायन का चुके लोगों ने छोड़े थे!ऐसी संपतियों पर सरकार का कब्ज़ा होता है और इसका उपयोग सरकार करती है
मुजफ्फरनगर की स्टेशन के सामने वाली मस्जिद के मामले में मुसलमानों का कहना है कि लियाकत अली खान की फैमिली ने 1940 के ज़माने में ही ये ज़मीन मस्जिद के लिए वक़्फ़ कर दिया था,इस लिए ये वक़्फ़ की ज़मीन है,जबकि अधिकारियों का कहना है कि इसके वक़्फ़ होने के दस्तावेज़ मौजूद नहीं है