दरभंगा : हिंदू राष्ट्र का पोस्टर लगाने पर गिरफ्तार आरोपी को पुलिस नें चंद घंटे में ही छोड़ा

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पटना (महताब आलम/इंसाफ टाइम्स)

बीते दिनों बिहार के दरभंगा के लहेरियासराय शहर में कुछ स्थानों पर ‘हिंदू राष्ट्र’ के बैनर पाए जाने के बाद गुरुवार, 23 मार्च को बिहार में दरभंगा पुलिस ने चार नामजद राजीव प्रकाश मधुकर समेत सौ अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। कथित तौर पर, लहेरियासराय के मौलागंज इलाके में एक दुर्गा मंदिर के पास हिंदी में ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखे दो भगवा झंडे देखे गए। उसी की तस्वीरें जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं थी और लोगों के एक वर्ग ने मामले में पुलिस कार्रवाई की मांग की।

सूचना मिलते ही जिलाधिकारी डॉ. राजीव रौशन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित थाने को उस स्थान से झंडे हटाने का निर्देश दिया. इसके बाद कथित विवादित झंडों को मौके से हटा दिया गया था

लेकिन आज मुख्य आरोपी से नगर विधायक संजय सरवागि ने लहेरियासराय थाना परिसर में जाकर अभियुक्त के साथ हाजत के बाहर कुर्सी पर बैठकर मुलाकात की जिसको मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रिय अध्यक्ष नजरे आलम नें गैर-कानूनी बताते हुए प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं।

नजरे आलम ने कहा के विधायक ने जिस उर्दू मोहल्ला को टार्गेट करके थाना परिसर में मुस्लिम समुदाय पर अभद्र और भ्रामक बातें मिडिया में रखी हैं ये क्यों नहीं बोले के उन्हीं लोगों के वोट से ये विधायक बने हुए हैं। खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे। विधायक को अपनी मर्यादा नहीं भूलनी चाहिए और ये भी नहीं भूलना चाहिए के वो सिर्फ बहुसंख्यक के विधायक नहीं हैं। खैर इसका जवाब जनता समय पर देगी। लेकिन थाना परिसर में मिडिया को इतना भ्रामक ब्यान किस आधार पर विधायक जी ने दिया और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बनी क्यों देखती रही? इतना ही नहीं अभियुक्त छोटा मुकदमा का हो या बड़ा, अभियुक्त अभियुक्त होता है जब वह पुलिस गिरफ्त में थाना में हो तो उसे हाजत से बाहर निकालकर कर कुर्सी पर बिठाकर विधायक को कुर्सी पर बिठाकर किस आधार और कानून के तहत मिलवाया गया। क्या अब कानून आदमी और पद देखकर अपना काम करेगी?

विधायक ने थाना परिसर में पुलिस प्रशासन के सामने भ्रामक और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ जिस शब्द का प्रयोग किया है हम आशा करेंगे दरभंगा प्रशासन और राज्य सरकार के मुखिया आदरणीय नीतीश कुमार जी संज्ञान में मामले को लेकर विधायक पर भी उचित कानूनी कार्रवाई का आदेश करेंगे।

नजरे आलम ने कहा के विवादित बैनर पर दरभंगा प्रशासन और सुशासन की सरकार कानूनी स्तर पर अपना काम कर ही है, हम दरभंगा प्रशासन की कार्यशैली को सराहते हैं क्योंकि दोनों समुदाय के कई त्योहार सामने है, आपसी सौहार्द बना रहे उसके लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पुरी तरह चुस्त-दुरुस्त है।

हालांकि इस मामले में मुस्लिम बेदारी कारवां और मजलिसे इत्तेहादुल् मुस्लेमिन के लोग मुज़रिमों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं
नजरे आलम ने अपने पत्र में बजरंग दल पर हिंदू राष्ट्र के बैनर लगाने का आरोप लगाया और यह भी दावा किया कि दरभंगा में सदियों से हिंदू और मुसलमान शांति से रह रहे हैं, हालांकि, अगर इस तरह के बैनर ‘अन्य समुदाय’ की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए लगाए जाएंगे तो न ही न बिहार आगे बढ़ पाएगा और न भारत। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हिंदू राष्ट्र की मांग करना एक आपराधिक अपराध की श्रेणी में आता है।

वीएचपी नेता राजीव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी का विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और बीजेपी नेताओं ने विरोध किया है. गिरफ्तारी के तुरंत बाद बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता लहेरियासराय थाना पहुंच गए और रोष जाहिर किया.इस बीच मुस्लिम बेदारी कारवां के नजरे आलम का पुतला भी जलाया गया और पुलिस प्रशासन का भी जम कर विरोध किया गया। काफी देर तक थाने में हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. देर रात उनको जमानत पर छोड़ दिया गया.

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