दिल्ली (इंसाफ़ टाइम्स डेस्क) गौहत्या के झूठे मामले दर्ज कराने को लेकर गुजरात के गोधरा की एक निचली अदालत ने तीन पुलिसकर्मियों के साथ-साथ एक गौ रक्षक सहित दो पंच गवाहों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज किए जाने का आदेश दिया है
अदालत ने खेड़ा के रुदन निवासी नजीर-मिया सफी-मिया मालिक और गोधरा के वेजलपुर निवासी इलियास मोहम्मद दावल को बरी कर दिया,उनके खिलाफ 31 जुलाई, 2020 को गोधरा बी डिवीजन पुलिस स्टेशन में पशु क्रूरता अधिनियम, 1860 की धाराओं के तहत मवेशियों ( एक गाय,एक भैंस और भैंस के बछड़े) को वध के लिए ले जाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था, अदालत ने बचाव पक्ष की दलील को बरकरार रखते हुए कहा कि “मामला केवल संदेह के आधार पर दर्ज किया गया था और अभियोजन पक्ष इसे साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है”
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि मुद्दमल (जब्त) पशु, जिन्हें पंजरापोल (आश्रय गृह) भेजा गया था , उन्हें “बिना कोई पारिश्रमिक लिए तुरंत (दावल की) हिरासत में सौंप दिया जाना चाहिए।”
अदालत ने निर्देश दिया कि यदि अभियोजन पक्ष, राज्य और पंजरापोल इस निर्णय की तिथि से 30 दिनों की अवधि के भीतर दावल को उक्त जानवरों की कस्टडी वापस देने में असमर्थ हैं, तो राज्य को दावल को उक्त जानवरों की खरीद कीमत 80,000 रुपये के साथ-साथ जब्ती की तिथि से उक्त राशि की वसूली तक 9% का साधारण वार्षिक ब्याज देना होगा