पटना (उज़मा सदफ़/इंसाफ़ टाइम्स)!मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सरकार का खास फोकस युवाओं और किसानों पर रहा। राज्य के विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों में 1176 रिक्तियां सृजित करने की स्वीकृति दी गई। राज्य सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की छात्रवृत्ति (वजीफा) की राशि 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रति माह कर दी है। यह वृद्धि सरकारी मेडिकल कॉलेजों, पटना डेंटल मेडिकल कॉलेज और आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में इंटर्न छात्रों को शामिल करती है – फिजियोथेरेपी और व्यावसायिक चिकित्सा में इंटर्नशिप करने वाले छात्रों के लिए मासिक छात्रवृत्ति राशि भी 11,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई है। कैबिनेट ने विभिन्न योजनाओं पर खर्च करने और विभिन्न विभागों में नई रिक्तियां सृजित करने के लिए 17,953.31 करोड़ रुपये जारी करने की भी मंजूरी दी। कैबिनेट ने पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में 100 छात्रों के प्रवेश और वहां के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के 135 पदों के साथ-साथ इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त करने के लिए 288 अन्य पदों के सृजन के प्रस्तावों को मंजूरी दी। कैबिनेट ने बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी एंड ऑक्यूपेशनल थेरेपी में 21 रिक्तियां, विकलांग भवन अस्पताल में 43 रिक्तियां और प्रोस्थेटिक सेंटर में 3 अन्य रिक्तियों के सृजन को भी मंजूरी दी।ये सभी पटना के कंकड़ बाग इलाके में स्थित हैं। इसके अलावा कैबिनेट ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पटना), मुंगेर विश्वविद्यालय (मुंगेर), पूर्णिया विश्वविद्यालय (पूर्णिया) और पटना विश्वविद्यालय (पटना) में 370 शिक्षण और 89 गैर-शिक्षण पदों को मंजूरी दी।इसी प्रकार वीर कंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के अंतर्गत प्राचीन भारतीय इतिहास एवं एशियाई अध्ययन केंद्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए 6 शिक्षण एवं अशैक्षणिक पदों के सृजन को भी स्वीकृति प्रदान की गई।साथ ही मंत्रि-परिषद ने बिहार अग्निशमन सेवा के अंतर्गत 153 पद तथा रेप एवं पॉक्सो से संबंधित विभिन्न न्यायालयों में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के 54 पद सृजित करने की स्वीकृति प्रदान की। जबकि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक दीन दयाल अंत्योदय योजना (DAY) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के क्रियान्वयन पर 15,326.68 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।वामपंथी उग्रवाद गतिविधियों से प्रभावित 12 जिलों में 2022-23 के दौरान सड़कों के सुदृढ़ीकरण और नवीनीकरण के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण और उपयोगिताओं के स्थानांतरण पर 340.26 करोड़ का उपयोग किया जाएगा।1,340.26 करोड़ रुपये में 2022-23 में औरंगाबाद, गया, जमुई और लखीसराय जिलों में 163.98 किलोमीटर लंबी 28 सड़कों के सुदृढ़ीकरण और नवीनीकरण और 13 पुलों के निर्माण पर 242.68 करोड़ रुपये का खर्च शामिल है। इसी प्रकार 1,097.58 करोड़ रुपये का दूसरा भाग चालू वित्त वर्ष में 120.18 किलोमीटर लंबाई की 11 सड़कों के निर्माण और 8 अन्य जिलों में भूमि अधिग्रहण और उपयोगिताओं के हस्तांतरण के साथ एक आरसीसी पुल के निर्माण पर खर्च किया जाएगा ।कैबिनेट ने अनियमित मानसून और कम वर्षा के कारण सूखे जैसी स्थितियों के कारण किसानों को डीजल सब्सिडी की लागत को कवर करने के लिए आकस्मिक निधि से 114.95 करोड़ रुपये की अग्रिम निकासी को भी मंजूरी दी।इसके अलावा, भागलपुर में केंद्र की स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए पहले के 1,309 करोड़ रुपये के स्थान पर 980 करोड़ रुपये की संशोधित राशि को मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा, कैबिनेट ने बिहार राज्य विद्युत पारेषण निगम द्वारा कवर किए गए ग्रिड सबस्टेशन के बाहर शेष फीडरों में उपलब्धता-आधारित टैरिफ ( Availability-Based Tariff ) (ABT) मीटर की स्थापना के लिए 72.50 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए। कैबिनेट ने खाद्य एवं उपभोक्ता उत्पादन विभाग द्वारा कुल कम्प्यूटरीकरण के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में सुधार के लिए अगले तीन वर्षों में उपयोग किए जाने वाले 60.95 करोड़ रुपये को मंजूरी दी। साथ ही वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री तालाब मत्स्य विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु 57.07 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई।