10 अप्रैल 2025 से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की “वक़्फ़ बचाओ मुहिम” शुरू – सरकार के विवादित संशोधनों के खिलाफ देशव्यापी जन आंदोलन का ऐलान,जारी किया गया दो महीने का शेड्यूल

इंसाफ़ टाइम्स डेस्क

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने केंद्र सरकार द्वारा वक़्फ़ कानून में किए गए विवादित संशोधनों के खिलाफ 10 अप्रैल से 7 जुलाई 2025 तक पूरे देश में “वक़्फ़ बचाओ मुहिम” चलाने की घोषणा की है। इस मुहिम का उद्देश्य भारतीय संविधान और इस्लामी शरीयत से टकराते इन संशोधनों के खिलाफ शांतिपूर्ण, संवैधानिक और लोकतांत्रिक तरीक़े से विरोध दर्ज कराना है। बोर्ड के अनुसार सरकार का यह कदम न सिर्फ़ मुसलमानों की धार्मिक संस्थाओं और वक़्फ़ संपत्तियों पर हमला है बल्कि यह मूलभूत संवैधानिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।

बोर्ड ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के साथ-साथ एक संगठित, प्रभावी और शांतिपूर्ण जन आंदोलन की शुरुआत करने का निर्णय लिया है।

वक़्फ़ बचाओ मुहिम के उद्देश्य

1.मुस्लिम समाज को इन संशोधनों की सच्चाई, खतरे और इसके पीछे छिपे सांप्रदायिक इरादों से अवगत कराना।

2.गैर-मुस्लिम नागरिकों के बीच गलतफहमियों को दूर करना, जो भ्रामक प्रचार के चलते बनी हैं।

3.अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को सचेत करना कि यदि आज मुसलमान निशाना हैं तो कल उनकी बारी भी आ सकती है।

4.अदालत के माध्यम से संविधान और अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा की कोशिश करना।

5.जनमत को इस हद तक जागरूक करना कि सरकार को ये संशोधन वापस लेने पर मजबूर होना पड़े।

मुहिम के प्रमुख चरण और कार्यक्रम

1.तहफ़्फ़ुज़-ए-वक़्फ़ कारवां (Waqf Protection Caravan):
22 अप्रैल को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से इस कारवां की शुरुआत होगी, जो विभिन्न राज्यों और शहरों से होते हुए 7 जुलाई को दिल्ली के रामलीला मैदान में समाप्त होगा। हर जगह आम सभाएं, प्रेस कॉन्फ्रेंस और नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे।

2.राज्य स्तरीय धरने:
राज्यों की राजधानियों और प्रमुख शहरों में शांतिपूर्ण धरने और गिरफ्तारियां दी जाएंगी।

3.”वक़्फ़ संरक्षण सप्ताह” (11 से 18 अप्रैल):
शुक्रवार से शुक्रवार तक यह सप्ताह मनाया जाएगा। इसमें मस्जिदों में तक़रीरें, ह्यूमन चेन, और संवाद कार्यक्रम शामिल होंगे।

4.”मट्टी गुल अभियान” (30 अप्रैल):
30 अप्रैल को रात 9 से 9:30 बजे तक लोग अपने घरों, दुकानों और दफ़्तरों की लाइटें बंद रखकर विरोध दर्ज कराएंगे।

5.ज़िलों में धरने और ज्ञापन:
प्रमुख ज़िलों में धरने देकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

6.50 प्रमुख शहरों में ऑल पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस:
दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पटना, कोलकाता आदि शहरों में सभी धर्मों और पार्टियों के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी।

7.अन्य धर्मों के साथ संवाद:
गैर-मुस्लिम भाइयों के साथ संवाद आयोजित कर उनके बीच वक़्फ़ के बारे में फैलाई जा रही गलत जानकारियों का खंडन किया जाएगा।

8.मीडिया और सोशल मीडिया का उपयोग:
प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के ज़रिए हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी व अन्य भाषाओं में लेख, वीडियो और हैशटैग अभियान चलाए जाएंगे।

9.महिलाओं की भागीदारी:
महिला विंग की मदद से महिला सम्मेलनों, व्याख्यानों और संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

10.अन्य धर्मों की वक़्फ़ संस्थाओं से सहयोग:
हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध आदि धर्मों के वक़्फ़ प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक साझा मंच बनाया जाएगा।

11.समापन सभा – रामलीला मैदान, दिल्ली:
7 जुलाई को दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन कर इस चरण का समापन किया जाएगा, जिसमें सभी धर्मों, जातियों, पार्टियों और संगठनों के लोग भाग लेंगे।

आन्दोलन की प्रकृति और निर्देश

आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और संवैधानिक होगा।

किसी भी समुदाय या धर्म के खिलाफ नारेबाज़ी या बयानबाज़ी नहीं की जाएगी।

भड़काऊ या उत्तेजक भाषण व नारों से परहेज़ किया जाएगा।

संवेदनशील इलाकों में सिर्फ प्रतीकात्मक विरोध होगा।

हर राज्य में एक निगरानी समिति बनाई जाएगी, जो स्थानीय नेतृत्व के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित करेगी।

प्रमुख नेतृत्व

इस आंदोलन का नेतृत्व बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी, अध्यक्ष डॉ. क़ासिम रसूल इलयास और केंद्रीय समिति के सदस्य करेंगे।

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