गुजरात में समान नागरिक संहिता के विरोध में अल्पसंख्यक समन्वय समिति की जन अभियान की शुरुआत

इंसाफ़ टाइम्स डेस्क

गुजरात में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) के खिलाफ अल्पसंख्यक समन्वय समिति (MCC) ने एक जन अभियान की शुरुआत की है। समिति का दावा है कि यह प्रस्ताव असंवैधानिक है और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है।

अभियान की पृष्ठभूमि

गुजरात सरकार ने हाल ही में राज्य में UCC लागू करने का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनी ढांचा स्थापित करना है, चाहे उनकी धार्मिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। हालांकि, MCC का मानना है कि यह कदम विभिन्न समुदायों की व्यक्तिगत कानूनों और परंपराओं का सम्मान नहीं करता है।

MCC की आपत्तियाँ

MCC के अध्यक्ष, मुजाहिद नफ़ीस, ने कहा, “समान नागरिक संहिता लागू करना हमारे देश की विविधता और बहुलता के खिलाफ है। यह संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि समिति राज्य भर में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी ताकि लोगों को इस मुद्दे के संभावित प्रभावों के बारे में सूचित किया जा सके।

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी MCC के इस अभियान का समर्थन किया है। कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा, “हम विविधता में एकता के सिद्धांत में विश्वास करते हैं। UCC लागू करना हमारे समाज की संरचना को कमजोर कर सकता है।”

सरकारी पक्ष

दूसरी ओर, राज्य सरकार का कहना है कि UCC का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और न्याय सुनिश्चित करना है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमारा उद्देश्य किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करना नहीं है, बल्कि एक समतामूलक समाज की स्थापना करना है।”

आगे की योजना

MCC ने घोषणा की है कि वे आगामी सप्ताहों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में जनसभाएँ और सेमिनार आयोजित करेंगे। साथ ही, वे कानूनी विशेषज्ञों की सहायता से इस मुद्दे पर एक श्वेत पत्र जारी करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें UCC के संभावित कानूनी और सामाजिक प्रभावों पर प्रकाश डाला जाएगा।

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