वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025: राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बना कानून, पूरे देश में होगा लागू

इंसाफ़ टाइम्स डेस्क

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल जाने के बाद अब यह विधेयक कानून बन चुका है। इससे पहले यह विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था, जहाँ 288 वोट इसके समर्थन में और 232 वोट इसके विरोध में पड़े।

विधेयक की मुख्य बातें

वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति: नए कानून के तहत अब वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम व्यक्तियों को भी शामिल किया जा सकेगा। सरकार का कहना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और प्रबंधन में सुधार होगा।

सरकारी निगरानी में वृद्धि: यह कानून सरकार को यह अधिकार देता है कि वह विवादित वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व पर निर्णय ले सके, जिससे सरकार का नियंत्रण और मजबूत होगा।

समर्थन और विरोध

इस बिल के समर्थकों का मानना है कि यह कानून भ्रष्टाचार को कम करेगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाएगा। वहीं, आलोचकों का कहना है कि यह मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक और धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है और इसके माध्यम से धार्मिक संपत्तियों पर सरकार का कब्जा बढ़ेगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने आरोप लगाया है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को हथियाने के लिए लाया गया है।

आगे की राह

इस नए वक्फ कानून के लागू होने के बाद देशभर में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन अब नए नियमों के तहत किया जाएगा। देखना यह होगा कि यह कानून व्यावहारिक रूप से कैसे लागू होता है और इसके क्या प्रभाव पड़ते हैं।

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