इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार के सीवान जिले के जीरादेई प्रखंड स्थित भैसाखाल गांव में संचालित बालिका गृह से 13 किशोरियों के फरार होने की घटना से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। यह घटना 19 मार्च की मध्य रात्रि के करीब एक बजे की बताई जा रही है, जब लड़कियों ने वार्डन और सुरक्षा गार्ड को चकमा देकर 30 फीट ऊंची नुकीली तार वाली दीवार फांदकर आश्रय गृह से भागने में सफलता पाई।
फरार हुई लड़कियों में अधिकांश सारण और गोपालगंज जिलों की निवासी हैं। इनमें से कुछ ऑर्केस्ट्रा में काम करने वाली नर्तकियां हैं, जबकि कुछ नाबालिग लड़कियां हैं जिन्हें शादी का झांसा देकर भगाया गया था।
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन सक्रिय हो गया। सीवान के जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने मामले की जांच के लिए सदर एसडीओ सुनील कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया है, जिसमें एसडीपीओ अजय कुमार सिंह, सीडीपीओ सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर बालिका गृह के कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
अब तक की छापेमारी में दो लड़कियों को बरामद किया जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। प्रारंभिक जांच में सीसीटीवी फुटेज में लड़कियां चहारदीवारी फांदकर भागती हुई नजर आई हैं, लेकिन प्रशासन ने इसे सीज कर लिया है और फुटेज को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों और फरार लड़कियों के परिजनों ने आश्रय गृह कर्मियों की मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद लड़कियों का भागना संदिग्ध है। इससे पहले भी इसी आश्रय गृह से दो लड़के फरार हो चुके हैं, जिससे प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रशासनिक अधिकारी फिलहाल मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जांच जारी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। इस घटना ने राज्य में बाल संरक्षण और आश्रय गृहों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।