इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
कोलकाता में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सात महीने की गर्भवती मुस्लिम महिला को सिर्फ उसके धर्म के आधार पर डॉक्टर द्वारा अपमानित किया गया और इलाज से इनकार कर दिया गया। पीड़िता के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने न केवल अपशब्द कहे, बल्कि उस पर गंभीर आरोप भी लगाए।
यह घटना कोलकाता के चर्चित डॉक्टर सीके सरकार के क्लिनिक में हुई, जहां पीड़िता अपनी नियमित प्री-नेटल चेकअप के लिए गई थीं। ‘ए’ पिछले सात महीनों से इसी डॉक्टर से इलाज करवा रही थीं।
नाम सुनते ही बदला व्यवहार
महफूजा खातून, जो पीड़िता की रिश्तेदार हैं, ने बताया:
“डॉक्टर ने पहले फीस ली और नाम लिखने लगे। फिर उन्होंने पूरा नाम पूछा। जब पूरा नाम सुना, तो अचानक उनका व्यवहार बदल गया। उन्होंने कहा, ‘मदरसों या मस्जिदों में जाकर इलाज कराओ, वहीं तो आतंकवादी बनने की ट्रेनिंग मिलती है।'”
*पहलगाम हमले का हवाला देकर बढ़ाई नफरत
बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए मुस्लिम समुदाय के खिलाफ ज़हर उगला।
महफूजा खातून के अनुसार, डॉक्टर ने कहा:
“तुम लोगों ने पहलगाम में निर्दोष हिंदुओं की हत्या की है। तुम्हें भी मारा जाना चाहिए। तुम्हारे पति को हिंदुओं द्वारा मार दिया जाना चाहिए ताकि तुम्हें दर्द का एहसास हो।”
पीड़िता और परिजनों में डर का माहौल
इस घटना के बाद पीड़िता गहरे सदमे में हैं। परिवार ने कहा कि इस तरह की नफरत ने उन्हें पहली बार अपने धर्म के कारण ‘अलग-थलग और असुरक्षित’ महसूस कराया।
“पहली बार हमें महसूस हुआ कि हम मुसलमान हैं,” महफूजा खातून ने कहा।
समाज में बढ़ती नफरत पर सवाल
यह घटना उस समय और भी चिंताजनक हो जाती है जब देश में धार्मिक आधार पर नफरत की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।