इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
भारत सरकार ने सभी मीडिया चैनलों को निर्देश दिया है कि वे सेना के ऑपरेशंस या सुरक्षा बलों की मूवमेंट से संबंधित लाइव वीडियो या रियल-टाइम अपडेट प्रसारित करने से बचें। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि किसी भी संवेदनशील जानकारी का खुलासा न हो, जो दुश्मनों को मददगार साबित हो सकता है और सैनिकों की जान को खतरे में डाल सकता है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एक एडवाइजरी में कहा गया है, “राष्ट्र की सुरक्षा के हित में सभी मीडिया प्लेटफॉर्म को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए।”
संवेदनशील जानकारी के खुलासे से खतरा
सरकार ने चेतावनी दी है कि लाइव जानकारी साझा करने से दुश्मनों को मदद मिल सकती है और इससे सैनिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। एडवाइजरी में यह भी कहा गया, “संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा ऑपरेशनल प्रभावशीलता और कर्मचारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।”
अतीत के घटनाक्रम से मिली सीख
अधिकारियों ने मीडिया हाउसों को कश्मीर युद्ध और 26/11 मुंबई हमलों जैसी घटनाओं की याद दिलाई, जहां खुले तौर पर मीडिया कवरेज ने गंभीर समस्याएं उत्पन्न की थीं। एडवाइजरी में कहा गया, “अतीत की घटनाओं ने यह दिखाया है कि जिम्मेदार रिपोर्टिंग कितनी महत्वपूर्ण है।”
देश की सुरक्षा में मीडिया की भूमिका
सरकार ने मीडिया से आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी को साझा करते समय सावधानी बरतें और किसी भी स्थिति में सैनिकों या सुरक्षा बलों की गतिविधियों का खुलासा न करें।
यह कदम उस समय उठाया गया है जब देश में सुरक्षा की स्थिति और संचालन को लेकर गंभीर विचार-विमर्श हो रहा है।