इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
वक्फ संपत्तियों की हिफाजत और सरकार द्वारा किए गए वक्फ संशोधन कानूनों के खतरनाक पहलुओं को उजागर करने के मकसद से 2 मई 2025 को ढाका के आजाद मदरसा इस्लामिया में एक ऐतिहासिक ‘तहफ्फुज-ए-अवकाफ कांफ्रेंस’ का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन की सदारत इमारते शरिया बिहार, उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के अमीरे शरीअत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी साहब करेंगे।
दारुल क़ज़ा ढाका में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस को जामा मस्जिद ढाका के इमाम मौलाना नजरुल मोबीन नदवी, काज़ी शरीयत मौलाना अतहर जावेद कासमी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अनुमंडली अध्यक्ष मौलाना अमानुल्लाह मोजाहिरी, डॉ. कासिम अंसारी और इंजीनियर हामिद जफर ने संबोधित किया।
कांफ्रेंस मगरिब की नमाज के बाद शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक आयोजित होगी। इसमें अमीर-ए-शरीअत मौलाना फैसल रहमानी साहब वक्फ कानूनों पर विस्तार
से रोशनी डालेंगे और यह बताएंगे कि हालिया संशोधन मुसलमानों और उनकी वक्फ संपत्तियों के लिए किस तरह खतरनाक साबित हो सकते हैं।
आयोजकों के अनुसार, इस कार्यक्रम में देशभर से मिल्ली तंजीमें, सामाजिक संगठन, राजनीतिक पार्टियां और अन्य धर्मों के प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। सम्मेलन का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की रक्षा हेतु एक व्यापक जनजागरण और जनआंदोलन तैयार करना है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपील की गई कि क्षेत्र के प्रबुद्धजन, अवाम और वक्फ संपत्तियों के हितैषी अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इस मुहिम को मजबूती दें। आयोजकों ने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों की अमानत हैं और उनकी हिफाजत शरीयत और समाजी जिम्मेदारी दोनों का हिस्सा है।