“राष्ट्रीय सुरक्षा” के नाम पर चैनल बंद! 4 PM न्यूज़ के खिलाफ केंद्र की कार्रवाई पर संपादक संजय शर्मा का सवाल- ‘क्या सरकार से सवाल पूछना अब गुनाह है?

इंसाफ़ टाइम्स डेस्क

देश में मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर बहस एक बार फिर तेज हो गई है। केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए पहचाने जाने वाले 4 PM न्यूज़ चैनल को बंद कर दिया है। यह फैसला सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा अचानक लिया गया, जिससे मीडिया जगत में हलचल मच गई है।

चैनल के संपादक संजय शर्मा ने इस कार्रवाई को प्रेस की आज़ादी पर सीधा हमला करार देते हुए तीखा बयान जारी किया। उन्होंने कहा,
“मोदी देश नहीं हैं। सरकार से सवाल पूछना गुनाह नहीं है। लोकतंत्र में आवाज उठाना हमारा संवैधानिक अधिकार है।”

क्या है मामला?

सरकार ने चैनल के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने का आरोप लगाते हुए इसका लाइसेंस रद्द कर दिया है। मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में किसी विशेष रिपोर्ट या सामग्री का जिक्र नहीं किया गया, जिससे यह साफ नहीं हो पा रहा कि किस आधार पर यह फैसला लिया गया।

4 PM न्यूज़ की भूमिका

4 PM न्यूज़ पिछले कुछ वर्षों में अपनी निर्भीक पत्रकारिता और सरकार की नीतियों की आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता रहा है। चैनल ने कई बार ऐसे मुद्दों को उठाया, जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नजरअंदाज करती रही। किसानों के आंदोलन, सीएए-एनआरसी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अल्पसंख्यकों के मसलों पर चैनल की रिपोर्टिंग सरकार के लिए असहज रही है।

संपादक संजय शर्मा का बयान

संजय शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से जारी वीडियो संदेश में कहा “हमने हमेशा संविधान के दायरे में रहकर जनता के मुद्दों को उठाया है। अगर सरकार से सवाल पूछना अपराध है, तो हम बार-बार यह ‘अपराध’ करेंगे। यह लड़ाई केवल हमारे चैनल की नहीं, पूरे लोकतंत्र और स्वतंत्र पत्रकारिता की है।”

*पत्रकार संगठनों और नागरिक समाज की प्रतिक्रिया

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया,कोगीटो मीडिया फाउंडेशन समेत कई पत्रकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई की निंदा की है। उनका कहना है कि सरकार ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ को बहाना बनाकर असहमति की आवाजें दबाना चाहती है।

लोकतंत्र पर खतरा?

मीडिया विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस तरह आलोचनात्मक आवाजों को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के नाम पर बंद किया जाता रहा, तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।

न्यायिक हस्तक्षेप की मांग

कई वरिष्ठ पत्रकारों और वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह इस मामले का संज्ञान ले और प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करे।

4 PM न्यूज़ को बंद किया जाना केवल एक चैनल को बंद करना नहीं, बल्कि लोकतंत्र की उस आवाज़ को चुप करने की कोशिश है जो सत्ता से सवाल पूछती है। सवाल यह है कि क्या अब सत्ता से सवाल पूछना सच में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के लिए खतरा बन चुका है?

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