इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
सरकार की वक्फ़ एक्ट में संशोधन के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के आह्वान पर 30 अप्रैल को देशभर में “बत्ती गुल प्रोटेस्ट” आयोजित किया जाएगा। इस मौन प्रतिरोध में लाखों लोग हिस्सा लेंगे और रात 9 बजे से 9:15 बजे तक अपने घरों की लाइटें बंद कर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज करेंगे।
AIMPLB ने यह ऐलान करते हुए कहा है कि वक्फ़ संपत्तियों से संबंधित केंद्र सरकार का संशोधन कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक विरासत पर सीधा हमला है। बोर्ड का कहना है कि यह कानून वक्फ़ बोर्डों की स्वायत्तता को कमजोर करता है और मुसलमानों की मिल्कियत पर सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ावा देता है।
पोस्टर और बैनरों से जागरूकता अभियान जारी
देश के कई राज्यों में इस विरोध को लेकर बैनर, पोस्टर और पर्चों के ज़रिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी AIMPLB और विभिन्न मुस्लिम संगठनों के सदस्य लगातार लोगों से “बत्ती गुल प्रोटेस्ट” में शामिल होने की अपील कर रहे हैं।
पोस्टर में लिखा गया है:
“हमारी वक्फ़ संपत्तियाँ हमारी विरासत हैं – इन्हें छीना नहीं जा सकता। विरोध हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। आइए 30 अप्रैल को रात 9 से 9:15 बजे तक लाइटें बंद करके सरकार को शांतिपूर्ण संदेश दें।”
AIMPLB के वरिष्ठ सदस्य ने इंसाफ़ टाइम्स से बातचीत में कहा “हम इस कानून को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। यह न केवल धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है, बल्कि भारत के सेक्युलर चरित्र पर भी सवाल उठाता है।”
सभी वर्गों से मिल रहा समर्थन
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित कई राज्यों में स्थानीय मुस्लिम संगठनों, इमामों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है। छात्र संगठनों और महिला समूहों ने भी “बत्ती गुल प्रोटेस्ट” की तैयारी शुरू कर दी है।
लोकतांत्रिक विरोध का नया तरीका
विरोध का यह तरीका शांतिपूर्ण है लेकिन प्रतीकात्मक रूप से बहुत शक्तिशाली माना जा रहा है।
नज़रें सरकार की प्रतिक्रिया पर
अब सबकी निगाहें केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया पर हैं कि क्या वह इस देशव्यापी असहमति को गंभीरता से लेकर संशोधन पर पुनर्विचार करेगी या फिर यह विरोध और व्यापक रूप लेगा।