इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
कर्नाटक के मंगलुरु में सांप्रदायिक तनाव का माहौल है, जहां 2022 में 23 वर्षीय मुहम्मद फाजिल की हत्या के मुख्य आरोपी सुहास शेट्टी (32) को 1 मई की रात बाजपे के किन्निपदवु क्षेत्र में बेरहमी से काट डाला गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुहास, जो विश्व हिंदू परिषद (VHP) से जुड़ा था और एक कुख्यात अपराधी था, पर तेज हथियारों से हमला किया गया। इस घटना ने दक्षिण कन्नड़ जिले में तनाव को बढ़ा दिया है, जिसके बाद VHP ने शुक्रवार को जिला व्यापी बंद का आह्वान किया।
हमले का विवरण और पुलिस कार्रवाई
मंगलुरु सिटी पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने बताया कि यह हमला गुरुवार रात करीब 8:27 बजे हुआ, जब सुहास अपने पांच सहयोगियों—संजय, प्रज्वल, अन्वित, लतीश और शशांक—के साथ एक इनोवा कार (KA-12-MB-3731) में यात्रा कर रहा था। किन्निपदवु क्रॉस के पास एक स्विफ्ट कार और एक मछली ले जाने वाले टेंपो ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारी, जिससे गाड़ी सड़क किनारे एक नाई की दुकान में जा घुसी। इसके तुरंत बाद, चार से छह हमलावरों ने सुहास पर तलवारों और अन्य धारदार हथियारों से हमला कर दिया। उसे तत्काल एजे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने बाजपे थाने में हत्या का मामला दर्ज किया है और कई टीमें हमलावरों की तलाश में जुटी हैं। सीसीटीवी फुटेज और एक स्थानीय निवासी के फोन से रिकॉर्ड किए गए हमले के वीडियो की जांच की जा रही है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। अग्रवाल ने कहा, “हम अभी यह नहीं कह सकते कि यह बदले की हत्या थी। जांच से और विवरण सामने आएंगे।”
सुहास शेट्टी का आपराधिक इतिहास
सुहास शेट्टी एक कुख्यात अपराधी था, जिसके खिलाफ मंगलुरु और दक्षिण कन्नड़ में कम से कम पांच आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें दो हत्या के मामले शामिल थे। वह 2022 में सुरथकल में मुहम्मद फाजिल की हत्या का मुख्य आरोपी (A1) था। फाजिल की हत्या को बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रवीण नेत्तरू की हत्या के दो दिन बाद प्रतिशोध के रूप में देखा गया था, जिसने कर्नाटक के तटीय क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव को भड़का दिया था। सुहास को फाजिल मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मार्च 2025 में हाई कोर्ट से उसे जमानत मिल गई थी। वह बजरंग दल की गौ रक्षा इकाई से भी जुड़ा था और VHP के कार्यक्रमों में नियमित रूप से शामिल होता था, हालांकि VHP ने दावा किया कि वह उनका आधिकारिक सदस्य नहीं था।
VHP का बंद और सांप्रदायिक तनाव
सुहास की हत्या के बाद VHP और अन्य हिंदू संगठनों ने शुक्रवार को दक्षिण कन्नड़ में 6 बजे सुबह से 6 बजे शाम तक स्वैच्छिक बंद का आह्वान किया। VHP नेता शरण पंपवेल ने दावा किया कि यह हत्या “जिहादी इस्लामी आतंकवादियों” द्वारा सुनियोजित थी और प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से इसका संबंध हो सकता है। बंद के दौरान मंगलुरु में दुकानें, व्यवसाय और निजी बस सेवाएं बंद रहीं, जिससे सामान्य जनजीवन ठप हो गया। कुछ क्षेत्रों में बसों पर पथराव की घटनाएं भी सामने आईं, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ।
मंगलुरु में धारा 163 (BNSS) और दक्षिण कन्नड़ जिले में धारा 144 (CrPC) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है, जो 6 मई तक प्रभावी रहेगी। इन आदेशों के तहत सार्वजनिक सभाएं, नारे, हथियार ले जाना और भड़काऊ सामग्री का प्रसार प्रतिबंधित है। पुलिस ने संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए हैं और शांति बनाए रखने की अपील की है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और जांच की मांग
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। “चार टीमें गठित की गई हैं, और एक वरिष्ठ ADGP स्तर के अधिकारी को शांति सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया है। हम इस घटना की गहन जांच कर रहे हैं।” दक्षिण कन्नड़ के सांसद बृजेश चौटा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच की मांग की है।
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने इसे “बेहद दुखद और चौंकाने वाला” बताया और सभी पक्षों से इसे सांप्रदायिक या राजनीतिक रंग न देने की अपील की। उन्होंने हाल ही में कुडुपु में एक प्रवासी मजदूर अशरफ की भीड़ द्वारा हत्या का जिक्र करते हुए कहा, “ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। सरकार का कर्तव्य है कि बिना भेदभाव के न्याय सुनिश्चित किया जाए।”
सोशल मीडिया पर अटकलें और ‘फिनिश’ पोस्ट
सुहास की हत्या के कुछ मिनट बाद, ‘Troll_mayadiaka’ नामक एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर ‘Finish’ शीर्षक से एक पोस्ट सामने आई, जिसने यह अटकलें तेज कर दीं कि यह हत्या सुनियोजित थी। सोशल मीडिया पर कुछ उपयोगकर्ताओं ने इसे “जिहादी तत्वों” द्वारा हत्या का दावा किया, लेकिन पुलिस ने इन दावों को अनिश्चित बताया और जांच पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।
मंगलुरु का सांप्रदायिक इतिहास
दक्षिण कन्नड़ जिला पहले भी सांप्रदायिक हिंसा का गवाह रहा है। 2022 में प्रवीण नेत्तरू, फाजिल और मसूद की हत्याओं ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ाया था। पुलिस ने नेत्तरू की हत्या में PFI की संलिप्तता की बात की थी, जिसके बाद फाजिल की हत्या को प्रतिशोध के रूप में देखा गया। सुहास की हत्या ने इन पुराने जख्मों को फिर से हरा कर दिया है, जिससे क्षेत्र में और अशांति की आशंका बढ़ गई है।
आगे क्या?
पुलिस आयुक्त अग्रवाल ने कहा, “हमने कुछ संदिग्धों की पहचान वीडियो फुटेज से की है। शीघ्र न्याय और कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।” मंगलुरु में चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं, और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
यह घटना मंगलुरु के लिए एक नाजुक मोड़ पर आई है, जहां हाल ही में कुडुपु में एक प्रवासी मजदूर की भीड़ द्वारा हत्या ने पहले से ही चिंताएं बढ़ा दी थीं। पुलिस और प्रशासन अब किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं