इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
4 मई 2025 को दरभंगा के इस्माइलगंज ईदगाह में वक्फ एक्ट 2025 के खिलाफ एक ऐतिहासिक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता अमीरे शरियत मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी साहब करेंगे। इस बैठक में देशभर से उलेमा, मशाइख, और विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इस मौके पर वक्फ एक्ट 2025 के नुकसान और इसके खिलाफ विरोध की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
इस बारे में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वक्फ बचाओ संविधान बचाओ सम्मेलन के संयोजक काजी शरीयत मुफ्ती अरशद अली रहमानी ने कहा कि वक्फ की जायदादें सिर्फ मदरसे, मस्जिदों और कब्रिस्तानों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इन पर कई बड़े स्कूल, कॉलेज और अस्पताल भी बने हुए हैं, जो लाखों गैर-मुसलमानों को भी सेवा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वक्फ संशोधन कानून 2025 वापस नहीं लिया गया, तो इससे गैर-मुसलमानों को भी नुकसान होगा क्योंकि वे भी इन शिक्षण संस्थाओं और अस्पतालों से लाभान्वित होते हैं।
मुफ्ती अरशद अली रहमानी ने आगे कहा कि वक्फ बाय-यूजर को खत्म करना और वक्फ की जायदाद पर छह महीने के भीतर पंजीकरण कराना वास्तव में वक्फ को हड़पने की साजिश है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वक्फ के लिए पांच साल की पर्तिक्युलर मुस्लिम होने की शर्त सीधे तौर पर इबादत से रोकती है और यह धारा भारतीय संविधान के अधिकारों के खिलाफ हैं।
बैठक की महत्ता को उजागर करते हुए काजी शरीयत साहब ने कहा कि वक्फ की जायदाद की सुरक्षा हमारी शरई, दीन और इमानदारी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बैठक में भाग लेने वाले सभी लोगों को किसी भी प्रकार की नारेबाजी या ऐसी गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे।
इस मौके पर काजी शरीयत साहब ने 3 मई 2025 को रात 9 बजे मोबाइल की टॉर्च जलाकर उसका फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की अपील की ताकि सरकार को इस मुद्दे की गंभीरता का अहसास हो।
बैठक में भाग लेने वालों को यह भी याद दिलाया गया कि 4 मई को इस्माइलगंज ईदगाह में होने वाली बैठक में सभी लोग सामूहिक रूप से इफ्तार करेंगे और इसके बाद सामूहिक दुआ भी की जाएगी ताकि वक्फ की सुरक्षा के लिए हमारी आवाज सरकार तक पहुंच सके।
इस बैठक में दरभंगा के विभिन्न इलाकों के जिम्मेदार, उलेमा और अन्य प्रमुख व्यक्ति हिस्सा लेंगे, जिनमें मौलाना इरफान अहमद सلفी मदनी, अहमद रजा साहब, एडवोकेट मोहम्मद तैमूर आलम, डॉक्टर मिना खान, डॉक्टर शाइब खान, नियाज़ अहमद, और मौलाना अब्दुल करीम कासमी समेत अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल हैं।
वक्फ एक्ट 2025 के खिलाफ इस विरोध में एकजुट होकर सभी मुसलमानों और गैर-मुस्लिम भाइयों को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि इस कानूनी साजिश को नाकाम किया जा सके और वक्फ की जायदाद की सुरक्षा की जा सके।
इस बैठक की सफलता के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और बड़ी संख्या में लोगों ने इसमें भाग लेने की अपनी पुष्टि की है।