इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर सीमा पर भारी तनाव पैदा हो गया है। 7 मई की रात भारतीय सेना ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी संगठनों के ठिकानों पर बड़ा हवाई हमला किया। यह हमला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले के प्रतिशोध में किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी।
भारतीय कार्रवाई: आतंकियों के खिलाफ निर्णायक वार
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह हमला विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों पर केंद्रित था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ऑपरेशन में करीब 90 आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। हवाई हमले में नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया गया, जिनमें आतंकियों का प्रशिक्षण, हथियार भंडारण और लॉन्च पैड शामिल थे।
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पूरी तरह आतंकी ढांचे को खत्म करने के लिए की गई थी और इसमें सैन्य या आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाने का उद्देश्य नहीं था।
पाकिस्तान का जवाब: नागरिकों और धार्मिक स्थलों पर हमले का आरोप
दूसरी ओर, पाकिस्तान ने इस कार्रवाई को ‘सीधी युद्ध घोषणा’ बताते हुए भारत पर मस्जिदों और आम नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता के मुताबिक, बहावलपुर और मुजफ्फराबाद के इलाकों में हुए हमलों में कम से कम 9 नागरिक मारे गए, जिनमें 3 बच्चे शामिल हैं, और 38 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
इसके अलावा पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि उसने जवाबी कार्रवाई में भारत के कम से कम 5 ड्रोन मार गिराए और घुसपैठ करने वाले एक फाइटर जेट को भी निशाना बनाया है।
सीमा पर जवाबी फायरिंग और पाक हमले
भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों में पाकिस्तान की ओर से तोपों और रॉकेट लॉन्चर्स से गोलीबारी की गई, जिसमें 3 आम नागरिकों की मौत और कई घायल हुए। भारत ने भी पाकिस्तान की इस कार्रवाई को ‘अकारण और भड़काऊ’ बताया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: संयम बरतने की अपील
घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने और कूटनीतिक समाधान तलाशने की अपील की है। ट्रंप ने कहा कि “यह संघर्ष पूरी दुनिया के लिए एक खतरे में बदल सकता है।”
विशेषज्ञों की राय: बड़ा सैन्य संघर्ष बन सकता है संकट
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना भारत-पाक संबंधों को एक बार फिर विनाशकारी युद्ध की ओर धकेल सकती है, खासकर जब दोनों देशों के पास परमाणु हथियारों का जखीरा मौजूद हो। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव और कूटनीतिक प्रयासों से हालात को काबू में लाया जा सकता है।