इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
मध्यप्रदेश के मुरैना और बैतूल जिलों में 16 जून को दो अलग-अलग घटनाओं में प्रेम संबंधों को लेकर की गई हत्याओं ने एक बार फिर ऑनर किलिंग के सवालों को उजागर कर दिया है। मुरैना में जहां एक किशोरी की उसके ही दादा ने कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी, वहीं बैतूल में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है, जिसे लेकर पुलिस ऑनर किलिंग की आशंका जता रही है।
मुरैना जिले के जौरा थाना क्षेत्र में 19 वर्षीय मालिश्का कडेड़ा की सरेराह गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह 11वीं कक्षा की छात्रा थी और अपने मामा के गांव से माता-पिता के साथ लौट रही थी। शुरुआत में उसके दादा सिरनम सिंह ने पुलिस को बताया कि चार अज्ञात बदमाशों ने हमला कर उसे गोली मारी। लेकिन पुलिस को उनकी बातों में विरोधाभास मिला।
पुलिस की गहन पूछताछ में सिरनम सिंह ने स्वीकार किया कि मालिश्का का संबंध पहले एक दूर के रिश्तेदार से था, लेकिन बाद में वह एक अन्य जाति के युवक से प्रेम करने लगी थी। परिवार इस रिश्ते को स्वीकार नहीं कर सका। आरोप है कि सिरनम सिंह ने युवक के पिता नरेश त्यागी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम दिया। दोनों आरोपी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं।
बैतूल जिले में भी इसी दिन एक युवक की मौत की खबर सामने आई है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, युवक का प्रेम संबंध परिवार के विरोध के कारण विवाद का कारण बना हुआ था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों से पूछताछ जारी है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि युवक की मौत प्रेम संबंध के चलते हुई हो सकती है, हालांकि इसकी पुष्टि पुलिस जांच के बाद ही हो सकेगी।
दोनों घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज भी भारत में प्रेम करने का अधिकार इतना बड़ा अपराध है कि उसे मृत्यु से दंडित किया जाए। सामाजिक विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनर किलिंग केवल अपराध नहीं, बल्कि मानवीय और संवैधानिक मूल्यों पर सीधा प्रहार है।
मुरैना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए हत्या की गुत्थी सुलझा ली है और दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बैतूल पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।