इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
दरभंगा,बिहार में सरकारी नौकरी की लालच में एक युवक ने नैतिकता और कानून की सारी सीमाएं लांघ दीं। जिले के पथ प्रमंडल में कार्यरत एक जीवित कर्मचारी को मृत घोषित कर उसके पुत्र ने अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त करने की कोशिश की। लेकिन जिला अनुकंपा समिति की बैठक के दौरान सच्चाई सामने आने पर पूरा फर्जीवाड़ा बेनकाब हो गया।
मामला दरभंगा जिले के पथ प्रमंडल कार्यालय से जुड़ा है, जहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विष्णु देव यादव को मृत बताकर उनके पुत्र विकास कुमार यादव ने नौकरी की अनुशंसा करवा ली। विकास की मां शांति देवी के माध्यम से मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए आवेदन दाखिल किया गया था। इस पर 30 मई को विकास के पक्ष में अनुकंपा नियुक्ति की अनुशंसा की गई थी।
मंगलवार को डीएम कौशल कुमार की अध्यक्षता में जिला अनुकंपा समिति की बैठक आयोजित की गई थी, जहां मृत घोषित किए गए विष्णु देव यादव स्वयं उपस्थित हो गए। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि वे जीवित हैं और पूर्ण रूप से सेवा में कार्यरत हैं। इससे समिति चौंक गई और तत्काल प्रभाव से की गई अनुशंसा को रद्द कर दिया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए डीएम कौशल कुमार ने फर्जीवाड़ा करने वाले विकास कुमार यादव, उसकी मां शांति देवी तथा इस प्रक्रिया में संलिप्त सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने वाले सांख्यिकी पदाधिकारी (रजिस्ट्रार, जन्म-मृत्यु), कलुआही, मधुबनी की भूमिका की भी जांच कराने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर की गई अनुशंसा को शून्य घोषित करते हुए दोषियों पर विभागीय कार्रवाई का प्रस्ताव भी संबंधित विभाग को भेजा गया है।
विकास कुमार यादव ने अपने जीवित पिता विष्णु देव यादव को मृत घोषित करते हुए उनका फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया। इस प्रमाणपत्र के आधार पर उनकी मां शांति देवी के माध्यम से विकास की नौकरी के लिए अनुशंसा की गई थी। दस्तावेज़ों में मृत्यु की तारीख भी दर्शाई गई थी, जबकि विष्णु देव यादव स्वयं सेवा में कार्यरत हैं।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मृत्यु प्रमाणपत्र बिना किसी विधिक सत्यापन के जारी किया गया था, जिससे रजिस्ट्रार कार्यालय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
डीएम कौशल कुमार ने स्पष्ट किया कि सरकारी सेवा और प्रणाली में इस प्रकार की धोखाधड़ी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी और अन्य ऐसे प्रकरणों की भी गहन समीक्षा की जाएगी।