इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में राज्य के धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्रों से जुड़े 24 प्रस्तावों पर मुहर लगी। सबसे महत्वपूर्ण निर्णय सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में माता जानकी मंदिर के भव्य निर्माण को लेकर लिया गया, जिसके लिए 882.87 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह मंदिर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तर्ज पर तैयार किया जाएगा।
बैठक में यह भी तय किया गया कि पुनौरा धाम को देश के प्रमुख धार्मिक पर्यटन परियोजना ‘रामायण सर्किट’ से जोड़ा जाएगा। माता सीता की जन्मस्थली माने जाने वाले इस स्थल का धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से समग्र विकास किया जाएगा।
बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘शिव सर्किट’ परियोजना के तहत राज्य के 17 जिलों को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें सीतामढ़ी, दरभंगा, पटना, गया, बक्सर, मधेपुरा, भागलपुर, जमुई, औरंगाबाद, बांका, पश्चिम चंपारण जैसे जिले शामिल होंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना को भी मंजूरी दी गई, जिसके तहत प्रदेश के छात्रों और युवाओं को इंटर्नशिप के दौरान प्रतिमाह 4000 से 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। योजना का उद्देश्य युवाओं को रोजगारपूर्व कौशल और अनुभव प्रदान करना है।
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ के अनुसार, इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 5000 और वर्ष 2026-27 से लेकर 2030-31 तक 1 लाख युवाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
*इंटर्नशिप के लिए निर्धारित सहायता राशि इस प्रकार है:
12वीं पास छात्रों को ₹4000 प्रति माह
आईटीआई व डिप्लोमा पास युवाओं को ₹5000 प्रति माह
स्नातक व परास्नातक छात्रों को ₹6000 प्रति माह
राज्य से बाहर इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को ₹5000 प्रति माह
स्थानीय स्तर पर जीविका से जुड़े कार्य करने वालों को ₹2000 प्रति माह (तीन माह तक)
योजना के क्रियान्वयन के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें उद्योग विभाग की सहभागिता रहेगी। समस्त राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से दी जाएगी।
कैबिनेट ने राज्य के वरिष्ठ और आजीविका संकट से जूझ रहे कलाकारों के लिए मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना की स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत पात्र कलाकारों को ₹3000 की मासिक पेंशन दी जाएगी। साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना का लाभ भी दिया जाएगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को सहायक (हेल्पर) के लिए सरकार द्वारा विशेष राशि प्रदान की जाएगी। वहीं उद्योगों में महिलाओं के कार्य पर पूर्व में लगे प्रतिबंध को हटाते हुए यह निर्णय लिया गया कि केवल गर्भवती महिलाओं को ही कार्य से मुक्त रखा जाएगा, अन्य महिलाओं को कार्य करने की अनुमति दी जाएगी।
इन तमाम फैसलों के माध्यम से बिहार सरकार ने धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ-साथ युवाओं, कलाकारों, पंचायत प्रतिनिधियों और महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी पहल की है।