इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
दरभंगा के तारडीह प्रखंड के ककोढ़ा गांव में मोहर्रम के मातमी जुलूस के दौरान शनिवार शाम एक हृदयविदारक हादसा हो गया। ताजिया जुलूस के दौरान ऊंचे बांस का डंडा अचानक झूलते हुए 11,000 वोल्ट के हाई टेंशन विद्युत तार से टकरा गया, जिससे करंट फैल गया और अफरा-तफरी मच गई।
हादसे में 25 वर्षीय मोहम्मद मिराज की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग बुरी तरह झुलस गए। घायलों को आनन-फानन में डीएमसीएच और अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
घटना उस वक्त हुई जब मोहर्रम का ताजिया गांव के मुख्य रास्ते से होते हुए गुज़र रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जुलूस में शामिल अखाड़ा दल द्वारा ले जाए जा रहे झंडे या ताजिया का ऊंचा हिस्सा बिजली के तार से टकरा गया। इससे तार टूटकर नीचे गिर पड़ा और करंट पूरे जुलूस में फैल गया।
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल मुहर्रम जुलूस के दौरान हाई टेंशन लाइन को लेकर बिजली विभाग और प्रशासन से सुरक्षा इंतज़ाम की मांग की जाती रही है। लेकिन इस बार न तो बिजली सप्लाई रोकी गई, न ही किसी तरह की बैरिकेडिंग या चेतावनी बोर्ड लगाया गया। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने इसे बिजली विभाग और प्रशासन की गंभीर लापरवाही करार दिया।
ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नज़रे आलम और जिला मोहर्रम कमिटी के अध्यक्ष आकिब नजर समेत सभी पदाधिकारियों ने प्रशासन पर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घटना पूरी तरह से व्यवस्था की नाकामी को दर्शाती है। उन्होंने जिलाधिकारी से निम्नलिखित मांगें रखीं:
मृतक के परिजनों को ₹25 लाख का मुआवजा
झुलसे हुए सभी लोगों का मुफ्त और विशेष इलाज
बिजली विभाग और प्रशासन में शामिल दोषियों पर सख्त कार्रवाई
भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए हाई टेंशन तारों की पुनर्स्थापना और समुचित निगरानी
मौके पर पहुंचे अधिकारी, जांच के आदेश
घटना की सूचना मिलते ही दरभंगा जिलाधिकारी कौशल कुमार, एसएसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिलाधिकारी ने घटना की जांच का निर्देश देते हुए बिजली विभाग से रिपोर्ट तलब की है। डीएमसीएच की अधीक्षक डॉ. शीला कुमारी ने भी घायलों का हालचाल लिया और बेहतर इलाज का आश्वासन दिया।
स्थानीय विधायक, जिला परिषद सदस्य और समाजसेवी संगठनों ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों के दौरान बिजली विभाग और प्रशासन की समन्वयहीनता अक्सर जानलेवा साबित होती है।
हादसे ने जुलूस की मातमी परंपरा को पीड़ा में बदल दिया। ककोढ़ा गांव में मातम पसरा हुआ है, और इंसाफ की उम्मीद अब प्रशासनिक कदमों पर टिकी है।