इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार के मधुबनी ज़िले के लदनिया थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बेलाही गांव में बुधवार को एक चार वर्षीय मासूम बच्ची का शव झाड़ियों में पड़ा मिला। बच्ची दो दिन पहले घर के बाहर खेलते समय अचानक लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया था। अब शव मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है।
पुलिस ने आशंका जताई है कि बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई। शव की हालत बेहद खराब थी और शरीर पर कई गंभीर चोटों के निशान थे। बच्ची का शव उसके घर से करीब 200 मीटर दूर खेत के पास झाड़ियों में मिला।
परिजनों के मुताबिक, बच्ची सोमवार दोपहर को अपने घर के दरवाजे पर खेल रही थी। कुछ देर बाद वह नजर नहीं आई। काफी खोजबीन के बाद भी जब कोई सुराग नहीं मिला, तो पिता ने लदनिया थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस की खोजबीन जारी थी कि बुधवार को ग्रामीणों ने खेत में बच्ची का शव देखा और पुलिस को सूचना दी।
बच्ची के शरीर पर गले और चेहरे पर चोट के निशान थे। निजी अंगों में गहरे घाव थे जिससे दुष्कर्म की पुष्टि की आशंका प्रबल हो गई है। घटनास्थल से बच्ची की चप्पल, कपड़े और अन्य सामान भी बरामद हुआ है।
थानाध्यक्ष धनंजय कुमार ने कहा कि “शव की स्थिति देखकर लगता है कि बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म हुआ और फिर उसकी हत्या कर शव को झाड़ियों में फेंका गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार है।”
पुलिस ने एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) टीम को बुलाकर घटनास्थल से सबूत इकट्ठा किए हैं। एक संदिग्ध युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चला रही है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ जयनगर) भी मौके पर पहुंचे और परिवार को न्याय का भरोसा दिया।
घटना के बाद बेलाही गांव में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर दोषियों को फांसी देने की मांग की।
मृत बच्ची के पिता ने कहा “बच्ची घर के सामने खेल रही थी। अचानक गायब हो गई। हमने हर जगह ढूंढा, थाने में रिपोर्ट दी। अब उसकी लाश मिली है। हम इंसाफ चाहते हैं। हत्यारों को फांसी मिलनी चाहिए।”
पुलिस ने IPC की धारा 302 (हत्या), 376 (दुष्कर्म) और POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस की कई टीमें जांच में लगी हैं और संदिग्धों के मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड सहित हर एंगल से जांच की जा रही है।
मधुबनी की यह घटना एक बार फिर बालिकाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। पुलिस को अब न केवल जल्द कार्रवाई करनी होगी, बल्कि यह सुनिश्चित करना होगा कि दोषियों को सख़्त से सख़्त सज़ा मिले, ताकि समाज में एक सख़्त संदेश जाए।