इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में 26 प्रस्तावों पर मुहर लगी। उद्योग विभाग के 9 प्रस्तावों को विशेष महत्व देते हुए सरकार ने नया बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) लागू किया है। इस पैकेज का उद्देश्य राज्य में निवेश को आकर्षित करना और आने वाले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है।
निवेशकों के लिए मुफ्त जमीन
मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने जानकारी दी कि 1000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली कंपनियों को 25 एकड़ तक जमीन निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, 100 करोड़ रुपये निवेश कर 1000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार देने वाले निवेशकों को 10 एकड़ जमीन दी जाएगी। Fortune-500 कंपनियों को भी 10 एकड़ जमीन केवल 1 रुपये टोकन मनी पर दी जाएगी। इस लाभ के लिए 31 मार्च 2026 तक आवेदन अनिवार्य होगा।
पैकेज की विशेषताएं
40 करोड़ रुपये तक ब्याज सब्सिडी।
नई इकाइयों को 14 साल तक 300% SGST की प्रतिपूर्ति।
30% पूंजीगत सब्सिडी।
40 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक निर्यात प्रोत्साहन।
प्रति कर्मी 20 हजार रुपये तक कौशल विकास इंसेंटिव।
नवीकरणीय ऊर्जा पर 6 लाख रुपये तक की सहायता।
स्टाम्प ड्यूटी और भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति।
32 औद्योगिक पार्क का निर्माण
कैबिनेट ने बिहार में 32 औद्योगिक पार्क बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके लिए 8,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण हो चुका है, जबकि 14,600 एकड़ और अधिग्रहण किया जाएगा। भोजपुर, शेखपुरा, दरभंगा, पूर्णिया और पटना जिलों में औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जमीन अधिग्रहण पर हजारों करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
मुख्य सचिव ने बताया कि निर्यात प्रोत्साहन की सीमा को दोगुना कर दिया गया है और अवधि 14 साल तक बढ़ा दी गई है। सरकार का दावा है कि इस पैकेज से राज्य में औद्योगिकीकरण की रफ्तार बढ़ेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।