चार राज्यों में श्रृंखलाबद्ध ‘तहफ़्फ़ुज़-ए-वक़्फ़’ वेबिनार का सफल आयोजन

पटना (प्रेस रिलीज़/इंसाफ़ टाइम्स डेस्क) अमीर-ए-शरीयत हज़रत मौलाना अहमद वाली फ़ैसल रहमानी (द.ब)ने वक़्फ़ संशोधन बिल 2024 को संविधान, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और सांस्कृतिक धरोहर के खिलाफ बताते हुए इसे खारिज करने तक संघर्ष जारी रखने की घोषणा की। इमारत-ए-शरीया बिहार, उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल तथा ख़ानक़ाह रहमानी मुँगेर के संयुक्त तत्वावधान में चार राज्यों के लिए ‘तहफ़्फ़ुज़-ए-वक़्फ़’ वेबिनार का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
23 दिसंबर 2024 को बिहार के मुँगेर कमिश्नरी के लिए, 29 दिसंबर 2024 को झारखंड के नॉर्थ छोटानागपुर कमिश्नरी के लिए, 4 जनवरी 2025 को उड़ीसा के लिए और 11 जनवरी 2025 को पश्चिम बंगाल के लिए वेबिनार आयोजित किया गया। इन कार्यक्रमों में धर्मगुरुओं, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
वेबिनार में अमीर-ए-शरीयत ने वक़्फ़ की इस्लामी अवधारणा और वक़्फ़ संशोधन बिल 2024 के दुष्प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेदों, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और सांस्कृतिक विरासत के खिलाफ बताते हुए इसे अस्वीकार्य घोषित किया।
कार्यक्रम का संचालन जमिया रहमानी ख़ानक़ाह मुंगेर के पत्रकारिता विभाग के प्रमुख फ़ज़ले रहमान रहमानी ने किया। तिलावत मौलाना क़यामुद्दीन क़ासमी ने की और नात प्रस्तुत करने का अवसर मौलाना वसीम अहमद क़ासमी को मिला।इस वेबिनार के सफल आयोजन में इंजीनियर सरफ़राज़,मौलाना अब्दुल अहद रहमानी और हाफ़िज़ एहतेशाम रहमानी ने तकनीकी प्रबंधन का कार्य बख़ूबी संभाला।
कार्यक्रम का समापन कोलकाता के क़ाज़ी मौलाना ज़मीरुद्दीन क़ासमी की दुआ से हुआ। इमारत-ए-शरीया और ख़ानक़ाह रहमानी ने वक़्फ़ संपत्तियों के संरक्षण और इस बिल के दुष्प्रभावों के खिलाफ जनजागरण अभियान को आगे भी जारी रखने का संकल्प लिया।