नफरत फैलाने वाली साम्प्रदायिक ताक़तों को सत्ता से बेदखल करने के लिए 9 मार्च को पटना के गांधी मैदान को भरदेना होगा.

पटना (प्रेस रिलीज़/इंसाफ़ टाइम्स डेस्क) भाजपा देश के लोकतांत्रिक ढांचे और संविधान को खत्म करके मनुस्मृति के आधार पर देश को चलाने की साजिश कर रही है.डॉ.अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र के मूल्यों पर आधारित है, जिसे भाजपा-आरएसएस द्वारा कमजोर करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।भाजपा सरकार की नीतियां दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों अल्पसंख्यक खास तौर पर मुस्लिमों,और महिलाओं के अधिकारों पर हमला करती हैं। वह संविधान में निहित अधिकारों और संरक्षण को हटाकर समाज को पितृसत्तात्मक, जातिवादी और विभाजनकारी मानसिकता से नियंत्रित करना चाहती है।
ये बातें माले जिला कार्यालय स्थित हरिसभा चौक में तिरहुत प्रमंडल के स्तर पर आयोजित जनसमागम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता भाकपा-माले की पॉलिट ब्यूरो सदस्य व ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहीं.मीना तिवारी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत का यह कहना कि राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के दिन भारत को असली आज़ादी मिली यह विचार, देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरनाक संकेत है। यह बयान न केवल संविधान के मूल्यों पर प्रहार करता है, बल्कि आज़ादी के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान का भी अपमान है।
मीना तिवारी ने बताया कि भाकपा-माले बिहार की तमाम संघर्षशील ताकतों को एकजुट कर 9 मार्च 2025 को पटना के गांधी मैदान में बदलो बिहार महाजुटान आयोजित कर रही है। यह आयोजन राज्य में लोकतंत्र, सामाजिक न्याय, रोजगार, महिला सशक्तिकरण, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों अल्पसंख्यक खास तौर पर मुस्लिमों और किसानों-मजदूरों के अधिकारों को मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
उन्होंने तिरहुत की जनता से इस ऐतिहासिक महाजुटान में भारी संख्या में शामिल होने की अपील की है। यह आयोजन केवल भाकपा-माले का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि हर उस नागरिक का आंदोलन है जो एक बेहतर और समतामूलक बिहार के निर्माण का सपना देखता है।
भाकपा-माले वैशाली के जिला सचिव विसेशवर यादव ने जनसमागम को संबोधित करते हुए कहा की हाल ही में सरकार द्वारा लाए जा रहे कानून और नीतियां संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ हैं। न्यायपालिका, स्वतंत्र मीडिया और शिक्षा के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करके भाजपा संविधान को अप्रासंगिक बनाना चाहती है।
भाकपा-माले सीतामढ़ी के सचिव नेयाज अहमद सिद्दकी ने कहा कि बिहार समेत पुरे देश में भाजपा-आरएसएस द्वारा मुसलमानों और दलितों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है. नफरत फैलाने वाली साम्प्रदायिक ताक़तों को सत्ता से बेदखल करने के लिए 9 मार्च को पटना के गांधी मैदान को भरदेना होगा.
वक्ताओं ने अपील की है कि देश के सभी प्रगतिशील और लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट होकर भाकपा-माले के बैनर तले एकजुट होकर 9 मार्च को पटना के गांधी मैदान से भाजपा की इन विभाजनकारी नीतियों का विरोध करना होगा। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर का संविधान हमारी आजादी, समानता और बंधुत्व का आधार है और इसे बचाना हमारा कर्तव्य है।
तिरहुत प्रमंडल स्तर पर आयोजित बदलो बिहार जनसमागम कार्यक्रम का संचालन भाकपा-माले मुजफ्फरपुर के जिला सचिव कृष्णमोहन ने किया वहीं जनसमागम को ऐतिहासकार आफाक आजम, ऐवान-ए-उरदू बिहार के अध्यक्ष डाक्टर मोतीउर रहमान अजीज,भाकपा-माले राज्य सदस्य कमिटी व किसान नेता जितेंद्र यादव, खेग्रामस बिहार के राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी, इंकला नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम, पंच सरपंच संघ के प्रवक्ता मुकेश कुशवाहा, ऐपवा वैशाली की अध्यक्ष प्रेमा देवी, ऐपवा मुजफ्फरपुर की अध्यक्ष रानी प्रसाद, जनशक्ति विकास संघठन के नेता सुरेश कुमार सुमन, सहारा भुगतान संघर्ष मोर्चा के राज्य अध्यक्ष ललित कुमार, माले नगर सचिव सूरज कुमार सिंह, इंसाफ मंच मुजफ्फरपुर के जिलाध्यक्ष फहद जमां, इंसाफ मंच वैशाली के संयोजक राजू वारसी, अधिवक्ता ललितेशवर मिश्र, आरवाईए मुजफ्फरपुर के जिला सचिव एडवोकेट मुकेश पासवान, आरवाईए मुजफ्फरपुर के उपाध्यक्ष एजाज अहमद, इंसाफ मंच मुजफ्फरपुर के सचिव जफर आजम,माले नेता शाहनवाज हुसैन नौशाद, माले जिला कमेटी सदस्य मनोज कुमार यादव, रामबालक सहनी, होरील राय, राजेश रंजन, रामबली महतो, शर्मीला देवी, आरवाईए नेता जावेद अख्तर, विवेक कुमार, आइसा नेता दीपक कुमार और शफीकुर्रहमान आदि ने भी संबोधित किया.