
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक स्कूल की छात्रा को सैनेटरी पैड मांगने पर कथित रूप से कक्षा से बाहर खड़ा कर देने का मामला सामने आया है। इस घटना ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है और प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
*क्या है पूरा मामला?
शनिवार को कक्षा 11 की छात्रा परीक्षा देने स्कूल गई थी, तभी उसे मासिक धर्म शुरू हो गया। जब उसने प्रधानाचार्य से सैनेटरी पैड की मांग की, तो उसे कक्षा से बाहर निकाल दिया गया और लगभग एक घंटे तक बाहर खड़ा रखा गया।
छात्रा के पिता ने इस मामले में जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS), राज्य महिला आयोग और महिला कल्याण विभाग को लिखित शिकायत दी है।
*प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी नंदन ने पुष्टि की कि मामले की जांच की जा रही है और जांच के नतीजों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
*मासिक धर्म स्वच्छता पर सरकार की नीति के बावजूद लापरवाही
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2024 में स्वीकृत “स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता नीति” का मुख्य उद्देश्य सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्राओं को मासिक धर्म से जुड़ी स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके बावजूद, इस घटना ने शिक्षा संस्थानों में मासिक धर्म से जुड़े कलंक और बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर किया है।
*समाज में आक्रोश
इस घटना के बाद कई सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने विरोध जताया है। लोग मांग कर रहे हैं कि स्कूल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई हो और सभी स्कूलों में छात्राओं को बुनियादी स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।