
इंसाफ टाइम्स डेस्क
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को कम्युनिस्ट नेता गोविंद पंसारे की हत्या के मामले में आरोपित छह हिंदुत्व कार्यकर्ताओं को जमानत दे दी है। अदालत ने इन आरोपियों की लम्बी हिरासत और जांच में धीमी प्रगति को देखते हुए जमानत की अनुमति दी। जमानत पाने वालों में सचिन आंडूरे, गणेश मिश्किन, अमित देगवेकऱ,अमित बद्दी,भारत कुराणे और वसुदेव सूर्यवंशी शामिल हैं।
*सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल आरोपियों की लंबी हिरासत
ये सभी आरोपी 2018 और 2019 में गिरफ्तार किए गए थे और इनकी हिरासत की अवधि अब पांच से छह साल हो चुकी है। अदालत ने यह कहा कि मामले में अब तक केवल 25-30 गवाहों की गवाही हो पाई है जबकि कुल 231 गवाहों की सूची है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मामले का निपटारा निकट भविष्य में संभव नहीं है।
अदालत ने कहा, “अगर हम इस मामले की सुनवाई की प्रगति देखें तो यह स्पष्ट है कि मामले में कोई संतोषजनक प्रगति नहीं हो रही है और इस मामले के निपटारे में कोई निश्चितता नहीं है।”
*मेघा पंसारे की आपत्ति को खारिज किया गया
इस जमानत आदेश के खिलाफ गोविंद पंसारे की बेटी, मेघा पंसारे की आपत्ति को अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत ने आरोपियों को जमानत देते हुए उन्हें ₹25,000 के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है, और एक सक्षम व्यक्ति से समान राशि की गारंटी भी मांगी है।
*पुलिस स्टेशन में उपस्थिति की शर्त
इन सभी आरोपियों को कोल्हापुर के राजरामपुरी पुलिस स्टेशन में हर महीने के पहले और 16वें दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक हाजिरी देने का आदेश भी दिया गया है। यह शर्त केवल तब तक लागू रहेगी जब तक मामले का परीक्षण समाप्त नहीं हो जाता है। इस दौरान किसी अन्य मुकदमे की तारीख पर उन्हें इस शर्त का पालन नहीं करना होगा।
*पंसारे की हत्या और इसकी जांच
गौरतलब है कि गोविंद पंसारे की हत्या फरवरी 2015 में कोल्हापुर के पास उनके घर के पास हिंदुत्वादी उग्रवादियों ने गोली मारकर की थी। पंसारे को गंभीर रूप से घायल होने के बाद पांच दिन बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। इस हत्याकांड की जांच विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की गई थी, जिसे बाद में एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) को सौंपा गया था।
*सम्बंधित हत्याएं और एक बड़ा षड्यंत्र
पंसारे की हत्या में आरोपित काळास्कर और आंडूरे को पहले ही नरेंद्र दाभोलकर और अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की हत्याओं में भी नामित किया जा चुका है। इस मामले में स्मिता पंसारे, गोविंद पंसारे की बेटी, ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया था कि पंसारे और अन्य कार्यकर्ताओं की हत्याओं के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है, जिसे एक ही मास्टरमाइंड ने अंजाम दिया है।
*जांच की धीमी गति पर चिंता
स्मिता पंसारे ने याचिका में यह भी कहा कि जांच एजेंसी की धीमी प्रगति के कारण न्याय की प्राप्ति में अड़चनें आ रही हैं।
*महाराष्ट्र सरकार की याचिका खारिज
पिछले साल, महाराष्ट्र सरकार द्वारा पंसारे की हत्या के एक अन्य आरोपी समीर गायकवाड़ को दी गई जमानत को रद्द करने की याचिका भी बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी।