
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
कर्नाटक के बचिमट्टी गांव (हुंसगी तालुक) में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान मंच पर दलित समुदाय के सदस्यों के बैठने से नाराज होकर ग्राम पंचायत के एक सदस्य ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका को गाली दी और जान से मारने की धमकी दी। आरोपी बसनगौड़ा केंचारेड्डी फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
*प्रधानाध्यापिका को फोन पर दी गालियां और धमकियां
बचिमट्टी सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका निर्मला दांगे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनके अनुसार, 26 जनवरी को बसनगौड़ा केंचारेड्डी ने फोन कर उन्हें गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।
निर्मला ने बताया कि 25 जनवरी को गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। इनमें स्कूल विकास और निगरानी समिति (SDMC) के सदस्य, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कर्मचारी और अभिभावक शामिल थे। उन्होंने कहा, “बसनगौड़ा को भी पहले ही आमंत्रित किया गया था। हमने सभी मेहमानों को मंच पर बैठने की व्यवस्था दी, जिसमें दलित समुदाय के सदस्य भी शामिल थे। लेकिन इस पर बसनगौड़ा नाराज हो गया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने लगा।”
*पति को भी दी गालियां, बढ़ता गया आक्रोश
निर्मला के अनुसार, कार्यक्रम के बाद बसनगौड़ा ने उन्हें फोन पर भद्दी गालियां दीं और उनके पति को भी अपशब्द कहे।जब उन्होंने बसनगौड़ा को शांत करने की कोशिश की, तो वह और ज्यादा आक्रामक हो गया और अश्लील भाषा का प्रयोग करने लगा।
स्थानीय समुदाय में आक्रोश, पहले भी हो चुकी है जातिगत भेदभाव की घटना
इस घटना से शिक्षकों, अभिभावकों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। यह इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि हुंसगी तालुक में कुछ महीने पहले भी जातिगत भेदभाव की एक घटना हुई थी, जहां POCSO शिकायत दर्ज कराने के बाद एक दलित परिवार को गांव से निकाल दिया गया था।
स्थानीय दलित नेता सिद्धन्ना मेलिमनीने घटना की निंदा करते हुए कहा, “चाहे आरोपी कितना भी प्रभावशाली हो, जातीय नफरत फैलाने और धमकाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। तभी समाज में समानता संभव होगी।”
पुलिस कर रही आरोपी की तलाश
सुरपुरा के डीएसपी जावेद इनामदार ने बताया कि पुलिस टीम आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। “हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा,” उन्होंने कहा।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में जातिगत भेदभाव और असहिष्णुता के गहरे जड़ें जमाने की ओर इशारा किया है।अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं।