
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में एक दलित युवती की हत्या का मामला सामने आया है, जिसे 30 जनवरी की रात से लापता होने के बाद 1 फरवरी को नग्न अवस्था में मृत पाया गया। परिजनों ने युवती के साथ गैंगरेप का आरोप लगाया है और दावा किया है कि हत्या के बाद शव को बेरहमी से क्षत-विक्षत किया गया था।
परिजनों के मुताबिक, युवती 30 जनवरी की रात घर से कथा सुनने के लिए निकली थी, लेकिन उसके बाद वह वापस नहीं लौटी। इसके बाद परिजनों ने 31 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस द्वारा मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। शनिवार की सुबह युवती के जीजा ने गांव के बाहर स्थित सूखी नहर में शव देखा और परिजनों को सूचित किया।
*शव की हालत को देखकर परिजनों और ग्रामीणों के होश उड़ गए
युवती के शरीर पर कपड़े नहीं थे, आंखें फटी हुई थीं, और सिर तथा चेहरे पर गहरे घाव थे। हाथ-पांव रस्सी से बंधे हुए थे और शव में कई जगह घाव और चोटें थीं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि युवती के साथ अत्याचार किया गया।
गांव के पास खून से सने कपड़े और शराब की बोतल भी मिली, और पुलिस ने मौके से एक चप्पल तथा खून के धब्बे भी बरामद किए। ग्रामीणों के अनुसार, हत्या उसी स्थान पर की गई थी, जहां शव मिला था।
सपा के पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे ने परिवार से मुलाकात कर इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि युवती के साथ अत्याचार हुआ है और पुलिस द्वारा मामले में लापरवाही बरती गई है। वहीं, परिजनों का कहना है कि पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाया था।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। CO आशुतोष तिवारी ने बताया कि पुलिस टीमों को गांव भेजकर पूछताछ की जा रही है और जल्द ही आरोपियों का पता लगाया जाएगा।