
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मधुबनी जिले में पीड़ित मौलाना से मुलाकात की और पुलिसकर्मियों द्वारा संघी विचारधारा अपनाने का आरोप लगाया। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डीजीपी विनय कुमार से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
*मौलाना फिरोज ने सुनाई अपनी पीड़ा
तेजस्वी यादव ने सोमवार को मधुबनी के बेनीपट्टी में मौलाना मोहम्मद फिरोज से मुलाकात की, जहां पीड़ित मौलाना ने अपनी आपबीती सुनाते हुए आरोप लगाया कि डीएसपी ने उन्हें बेरहमी से पीटा। उन्होंने कहा कि पहले थप्पड़ मारा और फिर लाठी से भी पीटा। मौलाना ने यह भी बताया कि उन्हें पानी तक नहीं दिया गया और घूस की मांग की गई थी।
मौलाना फिरोज ने कहा, “मैंने डीएसपी के पैर भी पकड़े, लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा। मुझे बहुत देर बाद पानी दिया गया, और पानी मांगने पर कहा गया कि मुंह में लाठी डाल दूं।” तेजस्वी यादव ने मौलाना की बातों को ध्यान से सुना और उन्हें भरोसा दिलाया कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होने तक वह चुप नहीं बैठेंगे।
*तेजस्वी का आरोप – पुलिस हो गई है भ्रष्ट
तेजस्वी यादव ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में पुलिस की स्थिति बेहद खराब हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन अब अपनी जिम्मेदारियों को भूलकर भ्रष्टाचार और अल्पसंख्यकों के खिलाफ कार्रवाई करने पर उतर आया है। उन्होंने कहा, “पुलिस अब सेवक नहीं, बल्कि भक्षक बन गई है। एक निर्दोष आदमी को रात भर पीटा गया और घूस लेकर छोड़ दिया गया।”
*संघी विचारधारा का आरोप
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि कुछ पुलिसकर्मी अब संघी विचारधारा को फॉलो करने लगे हैं, और यही कारण है कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग अल्पसंख्यकों को बुरी नजर से देख रहे हैं, उन्हें समझ लेना चाहिए कि उनसे निपटना तेजस्वी यादव को अच्छी तरह से आता है।
*मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे हमेशा अपने फैसलों में अन्य लोगों के दबाव में रहते हैं। उन्होंने कहा, “सीएम तो हमेशा अचेता अवस्था में रहते हैं, जो डीके बॉस बताते हैं, वही वह मानते हैं। उनसे कुछ भी उम्मीद करना बेकार है।” तेजस्वी ने डीजीपी से मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, और पांच पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई को महज आई वॉश बताया।
*कानूनी कार्रवाई की मांग
तेजस्वी ने वहां मौजूद आरजेडी नेताओं से भी अपील की कि वे आरोपी डीएसपी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को विधानसभा में भी मजबूती से उठाएंगे और दोषियों को सजा दिलवाने तक चुप नहीं बैठेंगे।
यह मामला बिहार में पुलिस प्रशासन के भ्रष्टाचार और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं का एक और उदाहरण है, जिसे लेकर अब राजनीति और सामाजिक दवाब दोनों में वृद्धि हो रही है।