
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
पंजाब के फरीदकोट जिले के चांदभान गांव में दलित समुदाय और उच्च जाति के लोगों के बीच विवाद ने एक बार फिर जातिगत भेदभाव और पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह विवाद गंदे पानी की निकासी को लेकर शुरू हुआ था, जिसके बाद गांव में हिंसा, गोलीबारी और पुलिस कार्रवाई की घटनाएं सामने आईं।
दलित समुदाय ने आरोप लगाया है कि गंदे पानी की उचित निकासी के लिए उनके द्वारा उठाई गई मांगों को दबाने की कोशिश की गई। सरपंच अमनदीप कौर और उनके पति कुलदीप सिंह के नेतृत्व में दलित समुदाय के लोगों ने बुधवार को बठिंडा रोड पर धरना दिया। उन्होंने उच्च जाति के लोगों पर आरोप लगाया कि वे सीवरेज सिस्टम को उनके घरों के सामने से बनने नहीं दे रहे हैं।
*तनाव और झड़प के बाद पुलिस कार्रवाई
धरने के दौरान तनाव बढ़ गया, और प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने भीड़ पर पानी की बौछारें कीं। इस दौरान तीन पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए।
घायल सब-इंस्पेक्टर नछत्तर सिंह की शिकायत पर पुलिस ने दलित प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने 90 प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया, जिनमें से 40 को नामजद किया गया है, जिसमें सरपंच अमनदीप कौर के पति कुलदीप सिंह भी शामिल हैं, जबकि 50 अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर भी मामला दर्ज हुआ।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फरीदकोट एसपी जसमीत सिंह ने गुरुवार को गांव में फ्लैग मार्च किया।
*उच्च जाति के लोगों पर गोली चलाने के आरोप
इस विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब किसान नेता राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला ने गुरुवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें एक व्यक्ति को गांव की गली में गोली चलाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो के सामने आने के बाद यह आरोप तेज हो गए हैं कि पुलिस ने उच्च जाति के लोगों द्वारा की गई हिंसा और गोलीबारी को नजरअंदाज कर दिया।
राजिंदर सिंह ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने दलित प्रदर्शनकारियों पर तत्काल कार्रवाई की, लेकिन उच्च जाति के लोगों, जिन्होंने गोली चलाई थी, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
*पुलिस का पक्ष और जांच का आश्वासन
इस मामले पर फरीदकोट एसएसपी प्रज्ञा जैन ने कहा कि गोली चलाने की घटना को लेकर शिकायत मिली है और तथ्यों की जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
*दलित समुदाय का आरोप: पुलिस ने किया पक्षपात
कीर्ति किसान यूनियन के नेता राजिंदर सिंह ने कहा कि दलित समुदाय के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते समय पुलिस ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया। उन्होंने कहा, “उच्च जाति के लोगों ने गोली चलाई, लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया। यह पुलिस की जातिगत पक्षधरता को उजागर करता है।”
*ग्रामीणों में डर और गुस्सा
गांव के दलित परिवारों में इस घटना को लेकर गुस्सा और डर का माहौल है। सरपंच अमनदीप कौर ने कहा, “हमने अपनी सुरक्षा के लिए धरना दिया था। हमें हमारे अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, और जब हमने विरोध किया, तो हमें ही अपराधी बना दिया गया।”
*जातिगत भेदभाव का मामला फिर सुर्खियों में
चांदभान गांव का यह मामला जातिगत भेदभाव और पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है। गंदे पानी की निकासी जैसे बुनियादी मुद्दे पर उठे इस विवाद ने समाज में गहराई से व्याप्त जातिगत असमानताओं को उजागर किया है।
नोट:इस खबर में कुछ तथ्य और विवरण ‘द मूकनायक’ की रिपोर्ट से लिए गए हैं।