
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
इस्लाम ने हमेशा से शिक्षा को अहमियत दी है। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने कहा है कि हर मुसलमान पर इल्म हासिल करना फर्ज है। इसी संदेश को अमीर-ए-शरीअत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने 6 फरवरी 2025 को सुपौल के महदीपुर बाजार में आयोजित एक बड़े जलसे में दोहराया।
अपने भाषण में उन्होंने कहा कि शिक्षा हमारी तरक्की की कुंजी है, लेकिन केवल पढ़ाई काफी नहीं है। हमें शिक्षा में उत्कृष्टता (यानी बेहतरी) लाने की जरूरत है। उन्होंने शिक्षा के मजबूत संस्थान बनाने और पहले से बने संस्थानों को और बेहतर करने की अपील की।
उन्होंने सभी लोगों से कहा कि हमें अपने समाज को बुराइयों से बचाने के लिए आगे आना चाहिए और अच्छे कामों में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
*एकता का संदेश:
अमीर-ए-शरीअत के साथ आए मुफ्ती सोहराब आलम नदवी ने भी जलसे में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा समझदारी और सलीके से काम करना चाहिए। उन्होंने समाज में बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई और इसके खिलाफ एकजुट होकर काम करने की बात कही।
*इस्लाम की सीख पर अमल करें:
मुफ्ती शमीम अकरम रहमानी ने इस मौके पर कहा कि इस्लाम की शिक्षाएं पूरी इंसानियत के लिए हैं। हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह अल्लाह को पहचाने और उसकी रजा के मुताबिक जिंदगी बिताए। उन्होंने मुसलमानों से इल्म हासिल करने और अच्छे अखलाक (व्यवहार) अपनाने पर जोर दिया।
*अन्य वक्ताओं की बातें:
मुफ्ती मोहम्मद अंसार कासमी और मौलाना फैयाजुद्दीन कासमी समेत कई अन्य उलेमाओं ने भी अपने विचार रखे। जलसे में मौलाना करामुद्दीन ने अमीर-ए-शरीअत का स्वागत किया और जलसे के आयोजन में सहयोग देने वालों का शुक्रिया अदा किया।
*महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था:
कार्यक्रम में महिलाओं के लिए प्रोजेक्टर लगाए गए थे, ताकि वे भी उलेमाओं की बातें सुन सकें। महिलाओं ने बड़ी संख्या में जलसे में हिस्सा लिया।
*जलसे की सफलता के पीछे सभी की मेहनत:
इस बड़े आयोजन को सफल बनाने में छातापुर ब्लॉक के स्थानीय लोगों ने बड़ी मेहनत की। इसमें अकील अहमद खान, डॉ. मोहम्मद आजाद अंसारी और अन्य कई लोगों ने अहम भूमिका निभाई।
कार्यक्रम का समापन अमीर-ए-शरीअत की भावुक और रूहानी दुआ के साथ हुआ।