
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
सूरत के सलाबतपुरा इलाके में एक हिंदू महिला द्वारा अपनी संपत्ति मुस्लिम महिला को बेचने के बाद प्रशासन ने फरवरी के पहले सप्ताह में उस संपत्ति को सील कर दिया। प्रशासन ने दावा किया कि यह बिक्री ‘डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट’ के प्रावधानों का उल्लंघन करती है।
यह कार्रवाई तब हुई जब संपत्ति बेचने वाली महिला की हाउसिंग सोसाइटी के हिंदू निवासियों ने इस बिक्री पर आपत्ति जताई और सूरत जिला कलेक्टर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।
*सोसाइटी में नफरत का माहौल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, निवासियों ने इस सौदे के खिलाफ हिंदू महिला और मुस्लिम महिला, दोनों के खिलाफ नफरत फैलाने का अभियान चलाया। यह जानकारी ‘द ऑब्ज़र्वर पोस्ट’ के माध्यम से सामने आई है। संपत्ति खरीदने वाली मुस्लिम महिला भी सलाबतपुरा की निवासी हैं और उन्होंने संपत्ति के लिए टोकन राशि पहले ही चुका दी थी।
*डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट का हवाला
प्रशासन ने दावा किया कि यह बिक्री ‘डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट’ के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण अवैध है। यह कानून साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में संपत्ति की खरीद-फरोख्त को नियंत्रित करता है।
निवासियों ने दावा किया कि इस बिक्री ने एक्ट की धारा 5(ए) और 5(बी) का उल्लंघन किया है। इन प्रावधानों के अनुसार, संपत्ति बेचने वाला व्यक्ति जिला कलेक्टर से अनुमति लेने के लिए आवेदन करता है। कलेक्टर इस मामले में औपचारिक जांच करते हैं, विभिन्न पक्षों की सुनवाई करते हैं और इसके बाद बिक्री की अनुमति देते हैं या इसे खारिज कर देते हैं।
*संपत्ति विवाद के सामाजिक प्रभाव
यह मामला सूरत में साम्प्रदायिक सौहार्द पर सवाल खड़ा करता है। ‘द ऑब्ज़र्वर पोस्ट’ के अनुसार, संपत्ति बेचने वाली हिंदू महिला और खरीदने वाली मुस्लिम महिला, दोनों को इस सौदे के बाद सोसाइटी के विरोध और दबाव का सामना करना पड़ा।