
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक खौफनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक अंतरधार्मिक जोड़े को कोर्ट में शादी करने के दौरान हिंदुत्ववादी संगठनों के सदस्यों ने निशाना बनाया। यह घटना बीते शुक्रवार की है, जब संस्कृति बचाओ मंच और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम युवक पर कथित तौर पर लव जिहाद का आरोप लगाते हुए उसे कोर्ट परिसर में बेरहमी से पीटा।
*शादी की जानकारी लीक होने का आरोप
सूत्रों के मुताबिक, यह हमला उस वक्त हुआ जब जोड़ा विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए भोपाल कोर्ट पहुंचा। आरोप है कि उनकी शादी से जुड़ी जानकारी कोर्ट से लीक हुई, जिसके बाद हिंदुत्ववादी संगठनों के सदस्य कोर्ट परिसर में पहुंचे और जोड़े को घेर लिया।
*सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें मुस्लिम युवक को जमीन पर गिराकर पीटते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में हमलावर युवक के चेहरे पर लात मारते नजर आ रहे हैं। पीड़ित युवक नर्मदापुरम जिले का निवासी है और शादी के लिए भोपाल आया था।
*पुलिस की प्रतिक्रिया
एमपी नगर पुलिस थाने के एसीपी अक्षय चौधरी ने बताया कि जोड़े का बयान दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा, “अगर युवक शिकायत दर्ज कराता है तो हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि, पुलिस पर इस मामले में निष्पक्षता की कमी का आरोप लग रहा है।
*जर्नो मिरर ने उठाए गंभीर सवाल
दिल्ली आधारित न्यूज़ वेबसाइट जर्नो मिरर, जो इस घटना को प्रमुखता से रिपोर्ट कर रही है, ने मामले पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पत्रकार काशिफ काकवी ने लिखा, “यह देखना भयावह है कि भारत में एक अंतरधार्मिक जोड़ा सिर्फ कानूनी रूप से शादी करने के लिए क्या-क्या झेल रहा है। विशेष विवाह अधिनियम का पालन करने वाले नागरिकों की जानकारी अदालत से लीक हो जाती है, और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा उन पर हमला किया जाता है।”
काशिफ ने आगे बताया कि पुलिस ने दुल्हन के परिवार की शिकायत पर धर्मांतरण कानून के तहत मामला दर्ज किया, लेकिन पीड़ित युवक की लिखित शिकायत के बावजूद हमलावरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की।
*आदालत परिसर में सुरक्षा पर सवाल
यह घटना अदालत परिसर की सुरक्षा और नागरिक अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जहां कानून की पालना करने वाले नागरिकों को सुरक्षा दी जानी चाहिए, वहीं इस घटना ने एक बार फिर से यह दिखा दिया है कि कैसे सांप्रदायिक ताकतें संविधान और कानून के नियमों को ताक पर रखकर हिंसा को बढ़ावा देती हैं।
इस घटना ने एक बार फिर से भारत में अंतरधार्मिक संबंधों को लेकर बढ़ती असहिष्णुता को उजागर किया है। यह जरूरी है कि प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को सजा दिलाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।