
इंसाफ टाइम्स डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच कांग्रेस में गठबंधन को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने पार्टी नेतृत्व से चुनावी रणनीति पर स्पष्टीकरण की मांग की है। उनका कहना है कि कांग्रेस को यह तय करना होगा कि वह गठबंधन की राजनीति जारी रखेगी या अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
तारिक अनवर ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है। हमें यह तय करना होगा कि हमें गठबंधन की राजनीति करनी है या अकेले आगे बढ़ना है। इसके लिए पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बुनियादी बदलाव की भी जरूरत है।”
*गठबंधन पर अनिश्चितता का माहौल
तारिक अनवर के इस बयान के बाद कांग्रेस के भीतर और इंडिया गठबंधन के सदस्यों के बीच हलचल मच गई है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है।
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आरजेडी की अगुवाई वाले महागठबंधन के तहत 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इस बार कांग्रेस के कई नेताओं का मानना है कि पार्टी को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए ताकि वह अपना पारंपरिक वोट बैंक वापस हासिल कर सके।
*संगठन में बदलाव की जरूरत पर जोर
तारिक अनवर ने न केवल चुनावी गठबंधन पर सवाल उठाए हैं बल्कि पार्टी के संगठन में बड़े पैमाने पर बदलाव की भी वकालत की है। उनका मानना है कि कांग्रेस को नई चुनौतियों के अनुसार अपनी रणनीति तैयार करनी चाहिए।
*तारिक अनवर के बयान का राजनीतिक महत्व
कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक तारिक अनवर का यह बयान पार्टी की अंदरूनी स्थिति को उजागर करता है। उन्होंने पहले भी कई मौकों पर संगठनात्मक बदलाव और स्पष्ट चुनावी रणनीति की जरूरत पर जोर दिया है। बिहार में कांग्रेस के राजनीतिक भविष्य के संदर्भ में उनके बयान को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अब सवाल यह है कि कांग्रेस नेतृत्व इस पर क्या फैसला करता है। क्या कांग्रेस आरजेडी के साथ गठबंधन जारी रखेगी या बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का साहसिक निर्णय लेगी? यह फैसला न केवल कांग्रेस बल्कि इंडिया गठबंधन के आगामी चुनावी संभावनाओं पर भी असर डालेगा।