
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश होने के बाद संसद में जोरदार हंगामा हुआ, जिसके चलते संसद का मौजूदा सत्र 10 मार्च तक स्थगित कर दिया गया। विपक्षी दलों ने विधेयक को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, वहीं सरकार ने इसे विपक्ष की राजनीतिक चाल बताया।
राज्यसभा में हंगामा और वॉकआउट
राज्यसभा में रिपोर्ट पेश होने के तुरंत बाद विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में उनकी आपत्तियों को शामिल नहीं किया गया है और इसे अधूरा पेश किया गया है। विपक्ष ने मांग की कि रिपोर्ट को दोबारा जेपीसी को भेजा जाए। विरोध में विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया।
लोकसभा में भी विरोध और स्थगन
लोकसभा में भी रिपोर्ट पेश होने पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, “यह विधेयक वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को खत्म करने की साजिश है। अगर वक्फ संपत्तियों पर कब्जा होगा, तो अन्य धार्मिक स्थलों पर भी ऐसा होगा।”
विपक्ष के हंगामे और लगातार गतिरोध के चलते लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। लोकसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि संसद का मौजूदा सत्र अब 10 मार्च तक स्थगित रहेगा।
सरकार का पक्ष
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट में सभी सदस्यों की आपत्तियां शामिल हैं और यह पूरी तरह पारदर्शी है। उन्होंने कहा कि जो टिप्पणियां हटाई गई हैं, वे अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र के तहत हटाई गईं।
विधेयक का उद्देश्य
सरकार के कहने के अनुसार वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और निगरानी में सुधार करना है। सरकार का दावा है कि यह विधेयक भ्रष्टाचार रोकने और वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए आवश्यक है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्तियों को कमजोर करने का प्रयास है।
सत्र स्थगन पर विपक्ष की प्रतिक्रिया
सत्र स्थगित होने पर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह बहस से बचने और विधेयक को जबरन लागू करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, लेकिन यहां जनता की आवाज को दबाया जा रहा है।”
आगे की राह
अब, संसद की अगली बैठक 10 मार्च को होगी। इस बीच, सरकार और विपक्ष के बीच विधेयक को लेकर तनातनी बनी रहेगी। सभी की निगाहें इस पर होंगी कि अगली कार्यवाही में क्या नया मोड़ आता है और क्या विपक्ष की आपत्तियों पर कोई सहमति बनती है।