
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक विवाहिता को उसके ससुराल वालों ने एचआईवी संक्रमित सिरिंज से इंजेक्शन लगा दिया। पीड़िता के पिता का आरोप है कि ससुराल पक्ष ने दहेज में 10 लाख रुपये और एक बड़ी एसयूवी की मांग की थी, जिसे पूरा न करने पर उसकी बेटी को प्रताड़ित किया गया और जानलेवा साजिश रची गई।
इस मामले में सहारनपुर की एक अदालत ने पुलिस को कड़ा निर्देश दिया, जिसके बाद पुलिस ने विवाहिता के पति, देवर, ननद और सास के खिलाफ हत्या के प्रयास (IPC 307), दहेज के लिए क्रूरता (IPC 498A), जहर देकर नुकसान पहुंचाने (IPC 328), और आपराधिक विश्वासघात (IPC 406) सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।
*क्या है पूरा मामला?
पीड़िता के पिता ने अदालत में बताया कि फरवरी 2023 में उनकी बेटी की शादी बड़े धूमधाम से की गई थी। शादी में लगभग 45 लाख रुपये खर्च किए गए, जिसमें एक सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी और 15 लाख रुपये नकद भी दिए गए थे। लेकिन ससुराल पक्ष ने जल्द ही अतिरिक्त 10 लाख रुपये और एक बड़ी एसयूवी की मांग शुरू कर दी।
परिजनों के मुताबिक, विवाहिता को शादी के पहले दिन से ही शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। उसे ससुराल से निकाल दिया गया, जिसके बाद वह तीन महीने तक अपने मायके में रही। गांव की पंचायत के हस्तक्षेप के बाद उसे दोबारा ससुराल भेजा गया, लेकिन वहां अत्याचार जारी रहा।
*एचआईवी संक्रमित इंजेक्शन लगाने का आरोप
मई 2024 में, पीड़िता को जबरन एचआईवी संक्रमित इंजेक्शन लगाया गया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। जब उसने मेडिकल जांच कराई, तो वह एचआईवी पॉजिटिव पाई गई, जबकि उसके पति की रिपोर्ट निगेटिव आई। परिजनों का आरोप है कि यह सब सोची-समझी साजिश के तहत किया गया।
*पुलिस कार्रवाई और जांच जारी
इस गंभीर मामले पर सहारनपुर एसपी (ग्रामीण) सागर जैन ने पुष्टि की कि अदालत के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की गहन जांच जारी है।
पीड़िता के परिवार का कहना है कि स्थानीय पुलिस ने पहले मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने अदालत का सहारा लिया। अदालत के आदेश पर पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।
*दहेज प्रथा और महिलाओं पर अत्याचार का खौफनाक चेहरा
यह घटना समाज में गहराई तक फैली दहेज प्रथा और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की भयावह सच्चाई को उजागर करती है। यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में तत्काल और कठोर कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में इस तरह की अमानवीय घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।