
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
भारत में एक समय था जब सार्वजनिक जीवन में नैतिकता एक महत्वपूर्ण मूल्य मानी जाती थी। किसी भी नेता, मंत्री या अधिकारी पर गंभीर आरोप लगते या उनके कार्यक्षेत्र में कोई बड़ी विफलता सामने आती तो वे सार्वजनिक जीवन की गरिमा बनाए रखने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे देते थे। लेकिन आज भारतीय राजनीति में यह परंपरा लगभग समाप्त हो गई है। जबकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जवाबदेही एक महत्वपूर्ण सिद्धांत होना चाहिए। अब तो हालात यह हैं कि नैतिकता के आधार पर इस्तीफे के उदाहरण भी देखने को नहीं मिलते हैं।
शनिवार की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। ट्विटर पर #रेलमंत्रीइस्तीफा_दो हैशटैग के साथ अब तक करीब 14200 से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके हैं।
*क्या थी घटना?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिससे अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 घायल अस्पताल में भर्ती हैं। यह हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13, 14, 15 और 16 पर भीड़ बढ़ने के कारण हुआ। केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। रेलवे की ओर से मृतकों के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख और मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई है। इसके अलावा बिहार सरकार ने भी हादसे में मारे गए बिहार के 9 लोगों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
*रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग पर सोशल मीडिया एक्स (Twitter) पर लोगों की प्रतिक्रियाएं।
गर्वी रावत (@garviirawat) #रेलमंत्रीइस्तीफा_दो हैशटैग के साथ लिखती हैं—
“अश्विनी वैष्णव को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। लगातार हो रहे रेल हादसे, स्टेशनों पर अव्यवस्था और अब दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़— यह सब सरकार की नाकामी को दर्शाता है। यात्रियों की सुरक्षा से बड़ा कोई मुद्दा नहीं हो सकता।”
आशीष सिंह (@Ashish2821) #रेलमंत्रीइस्तीफा_दो हैशटैग के साथ एक पोस्टर शेयर करते हुए लिखा—
“जिम्मेदारी तो तय होनी चाहिए… अब के नेताओं में नैतिकता का अभाव क्यों है…???”
रेणु कादियान (@iamrenukadyan) “अश्विनी कुमार वैष्णव देश के सबसे असफल रेल मंत्री हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में भारतीय रेलवे की दुर्दशा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।”
हंसराज मीना (@HansrajMeena) – ट्राइबल आर्मी फाउंडर :दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे के तीन वीडियो और एक फोटो साझा करते हुए लिखा—
“अगर इस घटना के बाद भी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस्तीफा नहीं देते, तो यह साफ़ हो जाएगा कि जनता की सुरक्षा से ज़्यादा सत्ता की हठधर्मिता महत्वपूर्ण है। जवाबदेही कब तय होगी? #रेलमंत्रीइस्तीफा_दो”
आलोक शर्मा – कांग्रेस प्रवक्ता (@Aloksharmaaicc):#रेलमंत्रीइस्तीफा_दो हैशटैग के साथ एक पोस्टर शेयर करते हुए लिखा कि “जिम्मेदारी लो, इस्तीफ़ा दो “
वही पोस्टर पर लिखा था लोगों के जिंदगी से खिलवाड़ बंद करो ।
तन्मय (@TanmayOfficial):एक वीडियो पोस्ट करते हुए व्यंग्य किया—
“रील मिनिस्टर ऑफ विकसित भारत।”
*अल्तमस खान (@Altmash4312):एनडीटीवी की एक खबर और एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा—
“12 साल का बच्चा भीड़ में कुचलकर मर गया, परिवार वाले बिलख रहे हैं। क्या रेल मंत्री और प्रधानमंत्री मोदी इस परिवार को उनका बच्चा वापस दिला सकते हैं? आखिर कब तक गरीबों की जान से खेला जाएगा? सबकी मांग है कि रेल मंत्री इस्तीफा दें।”
रंजीत कुमार चौधरी (@RanjiRjk):तीन अलग-अलग न्यूज वेबसाइट्स की रिपोर्ट्स शेयर करते हुए लिखा—
“जब जिम्मेदारी निभा नहीं सकते तो देशहित में कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। जनता की जान से बढ़कर कोई पद नहीं हो सकता।”
संतोष (@sk90official):”लोग उनसे इस्तीफा मांग रहे हैं, जो हर त्रासदी के बाद पूरी ताकत इस बात में लगा देते हैं कि खबर को दबाया कैसे जाए।”
दीपक खत्री (@Deepakkhtri812):एक पोस्टर को #रेलमंत्रीइस्तीफादो हैशटैग के साथ लिखा कि मौत 18,जिम्मेदार 0, ना प्रधानमंत्री इस्तीफा देंगे, ना फेल मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव। बेशर्मी और गैरजिम्मेदारी की भरमार है:#रेलमंत्रीइस्तीफ़ादो ट्रेंड के बीच जीतन राम मांझी ने अश्विनी वैष्णव का किया बचाव
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना के बाद सोशल मीडिया एक्स पर रेल मंत्री अश्विनी कुमार वैष्णव के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है। #रेलमंत्रीइस्तीफा_दो ट्रेंड कर रहा है, लेकिन इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस मांग का विरोध किया है!उन्होंने एक्स (Twitter) पर लिखा—
“हमने माना कि रेलवे अधिकारियों से चूक हुई है, पर इसका मतलब यह नहीं कि सीधे तौर पर रेल मंत्री का इस्तीफा मांग लिया जाए। यह घटना निःसंदेह आकस्मिक है, लेकिन यह भी देखना चाहिए कि कई करोड़ लोगों को एक साथ कितनी मुश्किल से रेल मंत्रालय कुंभ स्नान करवा रहा है। अश्विनी वैष्णव जी के काम की तारीफ होनी चाहिए। हम @AshwiniVaishnaw जी के साथ हैं।”
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है। जहां कुछ लोग उनके समर्थन में हैं, वहीं कई यूजर्स इसे जनभावनाओं की अनदेखी करार दे रहे हैं।
(ये स्टोरी अब्दुल रकीब नोमानी ने तैयार किया है)