
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में ‘लव जिहाद’ और जबरन धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक लगाने के उद्देश्य से एक विशेष समिति का गठन किया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बनी इस समिति का मुख्य कार्य अन्य राज्यों में लागू संबंधित कानूनों का अध्ययन करना और महाराष्ट्र के लिए एक प्रभावी कानूनी मसौदा तैयार करना है।
समिति की अध्यक्षता पुलिस महानिदेशक (DGP) करेंगे और यह अंतरधार्मिक संबंधों तथा जबरन धर्मांतरण से जुड़े कानूनी पहलुओं का विश्लेषण करेगी। इसके साथ ही, यह अन्य राज्यों में लागू समान कानूनों की समीक्षा कर अपनी सिफारिशें सरकार को प्रस्तुत करेगी।
सरकारी आदेश में कहा गया है, “विभिन्न संगठनों और नागरिकों ने ‘लव जिहाद’ और जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून की मांग की है। यह समिति कानूनी ढांचे की जांच करेगी और शिकायतों का समाधान करेगी।”
हालांकि, समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने इस कदम की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “सरकार दावा करती है कि ‘लव जिहाद’ के एक लाख से अधिक मामले हैं, लेकिन उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया है। यह सिर्फ राजनीतिक प्रचार है।”
इससे पहले, मुख्यमंत्री फडणवीस ने जबरन धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था, “कई मामलों में लड़कियों को शादी के लिए फंसाया जाता है और उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। इसके खिलाफ कानून की मांग हर तरफ से हो रही है।”
यह कदम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों के उदाहरणों के बाद उठाया गया है, जहां ‘लव जिहाद’ और जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं।
समिति की सिफारिशों के आधार पर, महाराष्ट्र सरकार राज्य में ‘लव जिहाद’ और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लाने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है।