
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने CISRS भवन, नई दिल्ली में ‘युवाओं के साथ संवाद – Identity Politics के अवसर और चुनौतियाँ’ विषय पर एक महत्वपूर्ण चर्चा आयोजित की। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा, राजनीतिक विश्लेषक और सामुदायिक नेता शामिल हुए। चर्चा में भारत की सामाजिक-राजनीतिक संरचना में Identity Politics (पहचान की राजनीति) की भूमिका, चुनौतियाँ और अवसरों पर विचार-विमर्श किया गया।
इस पैनल में कई प्रमुख हस्तियाँ शामिल थीं, जिनमें पूर्व सांसद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष ओबैदुल्ला खान आज़मी, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष ज़हीर अब्बास रिज़वी, समाजवादी विचारक और ‘ब्लड स्पीक्स टू’ पुस्तक के लेखक सैयद शहनवाज़ अहमद क़ादरी, SDPI के राष्ट्रीय महासचिव इल्यास थुम्बे, राष्ट्रीय सचिव फैसल इज़्ज़ुद्दीन, और महाराष्ट्र SDPI के प्रदेश अध्यक्ष अज़हर थंबोली प्रमुख रूप से शामिल थे।
कार्यक्रम का संचालन सैयद अलीम इलाही ने किया, जबकि मुहम्मद समीर ने अतिथियों का स्वागत किया और इब्राहिम मल्दा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
ओबैदुल्ला खान आज़मी ने अपने संबोधन में कहा कि Identity Politics ने भारत की राजनीति को दशकों से प्रभावित किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को राजनीति में अपनी पहचान को लेकर जागरूक रहना चाहिए और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।
इस संवाद ने युवाओं को अपनी पहचान, राजनीतिक भागीदारी और समावेशी राजनीति पर विचार करने का एक सशक्त मंच प्रदान किया। SDPI के इस आयोजन ने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में Identity Politics के प्रभाव और इसकी चुनौतियों पर सार्थक संवाद को बढ़ावा दिया।