
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार ने हाल के वर्षों में जबरदस्त विकास की नई ऊँचाइयाँ छुई हैं। एक ताज़ा इकोनामिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के बाद बिहार अब देश का सबसे तेज़ी से विकसित होता राज्य बनकर उभरा है। रिपोर्ट में कुल 12 महत्वपूर्ण बिंदुओं के माध्यम से राज्य की आर्थिक प्रगति और विकास की गति का विश्लेषण किया गया है।
रिपोर्ट के 12 प्रमुख बिंदु:
1.बुनियादी ढांचे में सुधार:
बिहार में सड़कों, पुलों, रेलवे और हवाई अड्डों के विकास से व्यापारिक गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बेहतर परिवहन नेटवर्क ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है।
2.निजी और विदेशी निवेश में वृद्धि:
राज्य में व्यापार और उद्योग के अनुकूल माहौल के चलते निजी और विदेशी निवेश में तेजी आई है, जिससे आर्थिक गतिविधियाँ और रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
3.सरकारी नीतियों में सुधार:
बिहार सरकार ने व्यवसायों के लिए अनुकूल नीतियों और नियमों को लागू किया है, जिससे उद्योगों के विकास में सहूलियत हुई है।
4.डिजिटल इंडिया पहल का विस्तार:
सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस और ऑनलाइन सुविधाओं के प्रसार से पारदर्शिता बढ़ी है और प्रशासनिक कार्यों में सुधार आया है।
5.कृषि में नवाचार:
नई तकनीकों और आधुनिक कृषि विधियों के अपनाने से किसानों की उत्पादकता में सुधार हुआ है, जिससे कृषि क्षेत्र में समृद्धि आई है।
6.शिक्षा एवं कौशल विकास:
शिक्षा में सुधार और युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं, जिससे समग्र विकास को बल मिला है।
7.स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार:
सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विकास हुआ है। नए अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण से लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।
8.ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति:
बिजली उत्पादन, वितरण और नवीनीकृत ऊर्जा स्रोतों के विकास में सुधार से उद्योगों और घरेलू उपयोगकर्ताओं को स्थिर ऊर्जा आपूर्ति मिली है।
9.उद्योग एवं विनिर्माण का विकास:
नए औद्योगिक पार्क, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और स्टार्टअप्स के प्रोत्साहन से राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली है।
10.पर्यावरणीय सुधार एवं स्थिरता:
पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कदम और सतत विकास की पहलों ने आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया है।
11.सामाजिक समावेशन और कल्याणकारी योजनाएँ:
पिछड़े वर्गों, किसानों और ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए चल रही योजनाओं ने सामाजिक समावेशन को बढ़ावा दिया है, जिससे विकास के लाभ सभी तक पहुंचे हैं।
12.व्यापार एवं उद्यमिता में सुधार:
स्थानीय व्यापारों को सशक्त करने, स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और उद्यमिता के माहौल को मजबूत करने के लिए विभिन्न पहलें चलाई जा रही हैं, जिससे रोजगार सृजन में तेजी आई है।
इन 12 बिंदुओं के माध्यम से स्पष्ट होता है कि बिहार ने बुनियादी ढांचे, निवेश, सरकारी नीतियों, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग सहित हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। तेलंगाना के बाद, यह रिपोर्ट बिहार को देश का सबसे तेज़ी से विकसित होता राज्य घोषित करती है। राज्य में विकास की यह नई गति न केवल स्थानीय नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी, बल्कि निवेश और रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी।
इस प्रकार, बिहार की इस तेज़ विकास दर पर नज़र रखते हुए, प्रशासन और उद्योग जगत को मिलकर सतत विकास और सामाजिक समावेशन को सुनिश्चित करने के प्रयास जारी रखने चाहिए।