इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के उन छात्रों के निलंबन पर रोक लगा दी, जिन्हें बिना अनुमति परिसर में विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में सस्पेंड किया गया था। कोर्ट के आदेश के बाद छात्रों का नामांकन बहाल कर दिया गया है, जिससे उन्हें फिर से पढ़ाई जारी रखने का मौका मिला है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया कि वह कुलपति की निगरानी में एक समिति गठित करे, जो इस मामले का समाधान निकालेगी और छात्रों से संवाद करेगी।
क्या था मामला?
फरवरी में विश्वविद्यालय प्रशासन के कुछ फैसलों के खिलाफ छात्रों ने कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद कई छात्रों को निलंबित कर दिया गया और उनके परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने 14 छात्रों को हिरासत में भी लिया, जिन्हें करीब 12 घंटे बाद छोड़ा गया।
छात्रों और प्रशासन के तर्क
छात्रों के वकील का कहना था कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और विश्वविद्यालय का निर्णय अनुचित था। वहीं, प्रशासन ने कोर्ट में तर्क दिया कि छात्रों ने बिना अनुमति प्रदर्शन किया और इससे संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
हाईकोर्ट का फैसला और आगे की राह
कोर्ट ने विश्वविद्यालय को छात्रों के साथ मिलकर मामले का हल निकालने का निर्देश दिया है। अदालत का यह फैसला छात्रों के लिए राहत लेकर आया है, क्योंकि अब वे फिर से अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे।
इस फैसले को छात्र अधिकारों की जीत माना जा रहा है और इससे प्रशासन और छात्रों के बीच संवाद को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।